चुनाव आयोग ने जिलों को भेजा पत्र
नई दिल्ली। उम्मीदवारों को अखबारों में अपना अपराधों का विवरण शपथ पत्र के रूप में देना ही होगा।
सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश का अनुपालन चुनाव आयोग सख्ती से करायेगा। इसके तहत प्रत्येक उम्मीदवार को अपने विरुद्ध आपराधिक मामलों को अपने शपथपत्र के अतिरिक्त अखबारों एवं न्यूज चैनल के माध्यम से मतदाताओं को अवगत कराने की बात कही गई है।
इसके लिए निर्धारित समय सीमा का भी सख्ती से अनुपालन कराया जाएगा। इसे लेकर आयोग द्वारा सभी निर्वाची पदाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं।
इसके तहत प्रत्येक उम्मीदवार को उनके खिलाफ आपराधिक मामले (चाहे वे लंबित मामले हों या पूर्व के मामले हों जिनमें वे दोषी ठहराए गए हों) की जानकारी तीन बार अखबारों तथा चैनल के माध्यम से देनी होगी।
राजनीतिक दलों को भी अपने उम्मीदवारों के लिए इसका अनुपालन करना होगा। आयोग ने इसका प्रारुप और फान्ट भी तय कर दिया है।
आपराधिक मामलों की जानकारी तीन निर्धारित अवसरों पर देनी होगी, ताकि मतदाताओं को जानने के लिए पर्याप्त समय मिल सके।
उम्मीदवारों को ऐसे मामले की जानकारी नामांकन दाखिल की तिथि के पहले चार दिनों के भीतर, फिर अगले 5वें से 8वें दिनों के बीच तथा अभियान के नौवें दिन से अंतिम दिन तक न्यूनतम 12 फ़ान्ट आकार में उपयुक्त स्थान पर प्रकाशित करानी होगी।
उम्मीदवारों तथा राजनीतिक दलों द्वारा इसका अनुपालन नहीं करने पर निर्वाची पदाधिकारी द्वारा उन्हें नोटिस जारी किया जाएगा।
संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। आयोग ने इसकी रिपोर्टिंग के लिए भी प्रारुप सभी निर्वाची पदाधिकारियों को भेज दिया है।
सभी राजनीतिक दलों को अपने उम्मीदवारों के आपराधिक मामलों की जानकारी अपनी वेबसाइट पर भी अनिवार्य रूप से देनी होगी ताकि मतदाता उनकी वेबसाइट पर भी जाकर जानकारी प्राप्त कर सकें तथा उम्मीदवारों के आपराधिक मामलों से अवगत हो सकें।
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