रांची। झारखंड में हेमंत सोरेन तीसरी बार मुख्यमंत्री बने है। चार जुलाई को जब उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तब साथ में किसी अन्य विधायक ने मंत्री पद की शपथ नहीं ली।
हेमंत ने कहा की सदन में विश्वास मत साबित होने के बाद सभी मंत्री एक साथ पद की शपथ लेंगे। कल आठ जुलाई को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है।
कल हेमंत सरकार विधानसभा में अपना विश्वास मत साबित करेगा। खबरों की माने तो कल विश्वास मत साबित होने के बाद ही कैबिनेट का विस्तार भी कर दिया जाएगा।
मंत्री मंडल में अधिकांश चेहरे पुराने ही होंगे वहीं कुछ नए चेहरे भी मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते है।
आलमगीर आलम के मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस के कोटे में एक मंत्री पद खाली है। इस पद के कई दावेदार हैं।
मंत्रिमंडल विस्तार में सभी विधायकों को खुश रखना हेमंत के लिये एक बड़ी चुनौती हो सकती है।
सूत्रों की माने तो झामुमो से भी एक नया चेहरा मंत्री पद की शपथ ले सकता है। वहीं कांग्रेस कोटे से दो नए चेहरे शामिल हो सकते है।
इसे लेकर अंदर खाने सभी तैयारी पूरी हो गई है। विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार कर लिया जाएगा।
कम समय में सभी को खुश रख कर सरकार को आगे बढ़ना है। यही वजह है कि हेमंत सोरेन ने 4 जुलाई को अकेले मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
बाकी मंत्री के शपथ ग्रहण को लेकर चर्चा पार्टी के अंदर चल रहा था। हेमंत सोरेन ने कई बिंदुओं पर समीक्षा की है।
मंत्री पद की रेस में जेएमएम के लातेहार से विधायक बैद्यनाथ राम का नाम आगे चल रहा है। बैद्यनाथ राम पूर्व में मंत्री रह चुके है।
इसके अलावा कांग्रेस से आलमगीर आलम के जगह इरफान अंसारी के नाम पर मुहर लग सकती है।
इसके अलावा कांग्रेस कोटे के चंपई सरकार में शामिल एक मंत्री का टिकट काट कर किसी नए चेहरे को कांग्रेस पार्टी मौका दे सकती है।
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