Indian auto industry:
नई दिल्ली, एजेंसियां। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) का मानना है कि वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) भारतीय ऑटो इंडस्ट्री के लिए एक ‘सुधार’ या ‘करेक्शन’ का साल साबित होगा।
फाडा के अध्यक्ष सीएस विग्नेश्वर के अनुसार, बीते कुछ वर्षों में लगातार ग्रोथ देखने को मिली है, लेकिन अब बाजार को कुछ ठहराव की आवश्यकता है ताकि इंडस्ट्री लंबी दौड़ में स्थिर रह सके।
Indian auto industry: FY25 में विकास सीमित
वित्त वर्ष 2025 में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री ने 6.46 प्रतिशत की मामूली ग्रोथ दर्ज की, जिसमें पैसेंजर व्हीकल्स सेगमेंट ने 4.87 प्रतिशत और टू-व्हीलर्स ने 7.71 प्रतिशत की बढ़त दिखायी, लेकिन कमर्शियल व्हीकल्स में मामूली गिरावट आई।
Indian auto industry: FY23 और FY24 में उछाल
वहीं, FY23 और FY24 में डबल डिजिट ग्रोथ देखी गई थी, जिससे यह साफ जाहिर होता है कि महामारी के बाद डिमांड और सप्लाई चेन मजबूत हुई थी।
Indian auto industry: बाजार की अनिश्चितता
फाडा को चिंता है कि अंतरराष्ट्रीय असर जैसे अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा लगाए गए टैरिफ और वैश्विक बाजार की अस्थिरता वित्त वर्ष 26 में ऑटो सेक्टर के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है।
Indian auto industry:ग्राहकों की सतर्कता
विग्नेश्वर के अनुसार, आर्थिक परिस्थितियों के कारण बहुत से ग्राहक बड़े खर्चों से बच रहे हैं और निवेश की रकम वापस आने तक स्थगन कर रहे हैं।
Indian auto industry:चुनौतियों को अवसर में बदलना
फाडा का मानना है कि इन चुनौतियों को सही तरीके से निपटाकर इंडस्ट्री को नई संभावनाओं में बदल सकते हैं।
Indian auto industry: इन्वेंटरी का बोझ
ऑटो सेक्टर की एक बड़ी समस्या बढ़ती हुई इन्वेंटरी है, जिसके कारण डीलर्स को स्टॉक के बोझ का सामना करना पड़ रहा है।
Indian auto industry:भविष्य के लिए भरोसा
फाडा का मानना है कि जैसे 2008 की मंदी, 2013 की चुनौती और कोविड जैसे कठिन दौर से इंडस्ट्री उबरी है, वैसे ही वित्त वर्ष 2026 के बाद भी ऑटो इंडस्ट्री पूरी ताकत से वापसी करेगी।
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