पटना, एजेंसियां। पटना हाई कोर्ट ने राज्य के उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों (सेकेंडरी स्कूलों) में अतिथि शिक्षकों को बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा प्रकाशित विज्ञापन के आलोक में शिक्षक भर्ती परीक्षाओं में वरीयता/ वेटेज के लिए (प्रतिवर्ष पांच अंक और अधिकतम 25 अंक) प्रदान करने के मामले में राज्य सरकार को एक माह में निर्णय लेने का निर्देश दिया है तथा भर्ती प्रकिया पर रोक लगा दी है |
BPSC शिक्षक भर्ती पर लगी रोक
न्यायाधीश अंजनी कुमार शरण ने संदीप कुमार झा एवं अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए शिक्षक नियुक्ति के लिए बीपीएससी द्वारा जारी तीसरे चरण की विज्ञापन पर रोक लगा दी है।
बीपीएससी ने राज्य में शिक्षक भर्ती नियुक्ति प्रक्रिया के तीसरे चरण के तहत 85 हजार शिक्षकों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन संख्या 22/24, दिनांक 07 फरवरी, 2024 को निकाला था।
पहली बार प्रश्न पत्र लीक होने पर मार्च, 2024 को परीक्षा रद्द कर दी गई थी। कोर्ट ने जानना चाहा कि जब अतिथि शिक्षकों व संविदा शिक्षकों के कार्य समान हैं, तो अतिथि शिक्षकों को अनुभव के आधार पर प्रतिवर्ष पांच अंकों का लाभ क्यों नहीं दिया जाए?
कोर्ट ने राज्य सरकार को इस बारे में एक माह के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया।
बताते चले कि पिछड़ा और अति पिछड़ा विभाग के शिक्षकों को प्रतिवर्ष के अनुभव के आधार पर पांच अंक दिया जाता है, जो कि अधिकतम 25 अंकों तक होता है।
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