नई दिल्ली,एजेंसियां। दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन ने 1,00,000 डॉलर की ऐतिहासिक उछाल दर्ज की है। इसका श्रेय उद्योग विशेषज्ञ बाजार गतिशीलता, अमेरिका की ओर से दी जा रही नियामक स्पष्टता और बिटकॉइन ईटीएफ के जरिए इंस्टीट्यूशनल एडॉप्शन को देते नजर आए।
बिटकॉइन 4.39 प्रतिशत की बढ़त के बाद 1,03,095 डॉलर पर कारोबार कर रहा था। बिनेंस में क्षेत्रीय बाजारों के प्रमुख विशाल सचेंद्रन के अनुसार, दुनिया भर की सरकारें और संस्थान ब्लॉकचेन तकनीक को अपना रहे हैं, इससे क्रिप्टोकरेंसी बाजार में सकारात्मकता का संचार हुआ है। साथ ही डिजिटल एसेट को अपनाने और निवेश का मार्ग प्रशस्त हो रहा है।” उन्होंने कहा, “यह नया उत्साह निरंतर विकास के लिए तैयार एक मैच्योर इकोसिस्टम को दिखाता है।
बिटकॉइन अब प्रभावी रूप से दुनिया की टॉप 10 सबसे मूल्यवान संपत्तियों में से एक
यूएस स्ट्रैटेजिक बिटकॉइन रिजर्व और कॉरपोरेट ट्रेजरी इंटीग्रेशन को लेकर चर्चाएं इसे मुख्यधारा में लाये जाने का संकेत देती हैं। सचेंद्रन ने कहा, आने वाला साल बेहतर रेगुलेटरी फ्रेमवर्क, अधिक पारदर्शिता और डीईएफआई, टोकेनाइज्ड एसेट और ब्लॉकचेन इंटरऑपरेबिलिटी में इनोवेशन लाने को लेकर अहम होगा.
जेबपे के सीईओ राहुल पगिदिपति ने कहा कि बिटकॉइन अब प्रभावी रूप से दुनिया की टॉप 10 सबसे मूल्यवान संपत्तियों में से एक है, जो सोने को छोड़कर सभी वस्तुओं से ऊपर है और अधिकांश कंपनियों से अधिक है। उन्होंने कहा, “क्रिप्टो बाजार का कुल पूंजीकरण भी 3.5 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर गया है, जो इस क्षेत्र में रुचि और व्यापक रूप से अपनाने के पैमाने को दर्शाता है।
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