Biggest eye hospital:
रांची। झारखंड के नेत्र रोगियों को जल्द अत्याधुनिक नेत्र संस्थान की सौगात मिलेगी। रिम्स की नई बिल्डिंग में न केवल आंखों से जुड़ी बीमारियों का इलाज होगा, ब्लकि यहां कॉर्निया ट्रांसप्लांट से लेकर इससे जुड़ी गंभीर बीमारियों का भी उपचार होगा। दो माह में रोगियों को सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी। मुख्य बिल्डिंग का 98% काम पूरा हो चुका है। प्रबंधन ने शेष काम पूरा करने के लिए जून तक डेडलाइन दी थी। पर, भवन विभाग ने रिम्स को बताया है कि जुलाई तक भवन का काम पूरा होने की संभावना है। अब जुलाई के अंत या अगस्त तक भवन हैंडओवर होने की उम्मीद है।
Biggest eye hospital:2014 से बन रहा ये अस्पतालः
बताते चले कि पहले से ही इस भवन का निर्माण कार्य देरी से चल रहा है। दिसंबर 2024 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रिम्स में 2014 से बन रहे क्षेत्रीय नेत्र संस्थान की समीक्षा कर कई निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिया था रिजनल इंस्टीट्यूट ऑफ ऑप्थेल्मोलॉजी का काम फरवरी 2025 के अंत तक हर हाल में पूरा कर भवन रिम्स प्रबंधन को सौंपे। लेकिन, जून 2025 तक काम अधूरा रहा। अभी संस्थान की बाहरी सुंदरता बढ़ाने के लिए फ्लोरिंग का काम जारी है। भवन के बाहर पेपर ब्लॉक लगाया जा रहा है।
Biggest eye hospital:54 डॉक्टरों की सूची तैयार, मेजर ऑपरेशन भी होंगेः
विभाग में रेटिना विशेषज्ञ, डायबीटिक रेटिनोपैथी और छोटे बच्चों के नेत्र रोग विशेषज्ञ सहित अन्य चिकित्सक अपनी सेवा दे सकेंगे। चिकित्सकों की बहाली को लेकर 54 चिकित्सकों की एक सूची कई साल पहले ही तैयार की गई है। चिकित्सकों की नियुक्ति से इलाज की गुणवत्ता बढ़ेगी। पहले तल्ले पर रिसेप्शन और ओपीडी की सेवा रहेगी। दूसरे तल्ले पर निदेशक व एचओडी का कक्ष और माइनर ओटी की व्यवस्था होगी।
तीसरे तल्लेी पर मेजर ओटी, चौथे और पांचवें तल्ले पर मरीजों को भर्ती करने के लिए वार्ड की व्यवस्था होगी और आखिरी तल्ले पर सेमिनार हॉल और लेक्चर थिएटर होंगे।
Biggest eye hospital:दूसरे राज्यों से भी आते हैं मरीजः
मालूम हो कि रिम्स अभी भी यहां के गरीब और मध्यवर्गीय परिवार के लिए बड़ा सहारा है। यहां मरीजों का इलाज नि:शुल्क होता है। यहां न सिर्फ झारखंड के बल्कि बंगाल, बिहार, मध्यप्रदेश, ओडिशा से भी मरीज बड़ी संख्या में आते हैं।
Biggest eye hospital:अब बड़ी बीमारी के लिए महानगर जाने की जरूरत नहीः
नेत्र संस्थान शुरू होने से यहां विशेषज्ञ चिकित्सकों की जरूरत के मुताबिक नियुक्ति की जाएगी।
पुराने उपकरण-मशीनों को हटा कर अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरण लगाए जाएंगे।
सभी विभागों के ओपीडी और जांच की सुविधा यहां एक ही भवन में मरीजों को मिलेगी।
आंखों की सभी तरह की बीमारियों का इलाज संभव होगा।
प्री-मिच्योर बच्चों की आंखों का इलाज होगा।
अब महानगर में जाने की जरूरत नहीं होगी।
Biggest eye hospital:कॉर्निया ट्रांसप्लांट में आएगी गतिः
रिम्स आई बैंक के अनुसार, मार्च 2024 से दिसंबर 2024 तक रिम्स में 65 कॉर्निया सफलतापूर्वक निकाले गए। 45 रोगियों का ही कॉर्निया ट्रांसप्लांट हुआ। रिम्स के चिकित्सकों का कहना है कि यदि नेत्र संस्थान शुरू होगा तो रिम्स में वर्तमान की तुलना में दोगुना ट्रांसप्लांट होगा और मरीजों को बेहतर सुविधाएं मिलने लगेगी।
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