नई दिल्ली, एजेंसियां। जापानी वाहन निर्माता कंपनियों होंडा और निसान ने व्यापार एकीकरण प्रक्रिया को शुरू करने के लिए एक संयुक्त होल्डिंग कंपनी स्थापित करने के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह कदम वैश्विक ऑटो उद्योग में बड़ा परिवर्तन ला सकता है। इसके साथ ही, मित्सुबिशी मोटर्स भी इस साझेदारी का हिस्सा बनेगी।
निसान का बयान
निसान के CEO मकोतो उचिदा ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण क्षण है, जिसमें दोनों कंपनियों की ताकत को एकजुट करके दुनिया भर के ग्राहकों के लिए अनूठी सेवाएं दी जा सकती हैं। उनका मानना है कि इस साझेदारी से दोनों कंपनियां ग्राहकों के लिए बेजोड़ मूल्य प्रदान कर सकती हैं, जो अकेले कोई भी कंपनी हासिल नहीं कर सकती।
होंडा का दृष्टिकोण
होंडा के निदेशक तोशीहिरो मिबे ने कहा कि इस संयुक्त प्रयास से नए गतिशीलता मूल्य का निर्माण होगा, जिससे पर्यावरणीय बदलावों का मुकाबला करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि दोनों कंपनियों की अलग-अलग ताकत को मिलाकर नई संभावनाओं को जन्म दिया जाएगा, और यह प्रयास जनवरी 2025 तक व्यावसायिक एकीकरण की दिशा में आगे बढ़ेगा।
मित्सुबिशी की भूमिका
इस संयुक्त होल्डिंग कंपनी में मित्सुबिशी मोटर्स भी शामिल होगी। यह कार निर्माता पहले रेनो-निसान गठबंधन का हिस्सा थी। अब, इस साझेदारी के तहत, मित्सुबिशी की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण हो जाएगी, और कंपनी वैश्विक ऑटो उद्योग में अपना प्रभाव बढ़ा सकेगी।
होंडा-निसान विलय का वैश्विक प्रभाव
अगर इस विलय को अंतिम रूप दिया जाता है, तो यह बिक्री के मामले में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी बन जाएगी। इसका उद्देश्य 191 अरब डॉलर (लगभग 1.62 लाख करोड़ रुपये) की संयुक्त बिक्री करना है। इस विलय को लेकर वैश्विक ऑटो उद्योग में बड़े बदलाव की संभावना जताई जा रही है, जैसा कि 2021 में फिएट क्रिसलर और PSA ग्रुप का विलय हुआ था।
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