Author: IDTV Indradhanush

झारखंड भारत का एक प्रमुख राज्य है, जहाँ की जनजातीय संस्कृति और परंपराएँ अत्यंत समृद्ध हैं। यहाँ की जनजातियाँ अपने विशिष्ट रीति-रिवाजों और त्योहारों के लिए जानी जाती हैं। इन त्योहारों में उनकी संस्कृति, धार्मिक आस्थाएँ, और प्रकृति के प्रति सम्मान प्रकट होता है। 1. सरहुल सरहुल झारखंड का एक प्रमुख जनजातीय त्योहार है, जिसे वसंत ऋतु में मनाया जाता है। यह त्योहार मुख्य रूप से मुंडा, हो, और उरांव जनजातियों द्वारा मनाया जाता है। सरहुल का मतलब होता है ‘साल वृक्ष की पूजा’। इस दिन साल के पेड़ों की पूजा की जाती है और इसे प्रकृति के प्रति आभार…

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झारखंड का क्षेत्र खनिज संसाधनों से भरपूर है, जो न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं, बल्कि पूरे देश की आर्थिक स्थिति को भी मजबूती प्रदान करते हैं। इस ब्लॉग में हम झारखंड के प्रमुख खनिज संसाधनों और उनके आर्थिक महत्व को समझेंगे। 1. कोयला (Coal) कोयला झारखंड का सबसे महत्वपूर्ण खनिज संसाधन है। झारखंड में भारत के कुल कोयला भंडार का लगभग 29% हिस्सा पाया जाता है। झारखंड के प्रमुख कोयला खदानों में झरिया, बोकारो, रानीगंज और धनबाद शामिल हैं। आर्थिक महत्व: 2. लोहा अयस्क (Iron Ore) लोहा अयस्क झारखंड का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण खनिज संसाधन…

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झारखंड आंदोलन झारखंड के लोगों की संघर्षशीलता, उनकी साहसिकता और अदम्य इच्छाशक्ति का प्रतीक है। इस आंदोलन के प्रमुख नायकों ने अपनी निस्वार्थ सेवा और संघर्ष से झारखंड को एक स्वतंत्र राज्य के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। [झारखंड आंदोलन के प्रमुख नायक] बिरसा मुंडा: उलगुलान का महानायक बिरसा मुंडा झारखंड आंदोलन के सबसे प्रमुख और महानायक थे। उनका जन्म 15 नवंबर 1875 को उलिहातु गाँव में हुआ था। बिरसा मुंडा ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ आदिवासी समुदाय के हक और अधिकारों के लिए संघर्ष किया। उन्होंने ‘उलगुलान’ (विद्रोह) का नेतृत्व किया और आदिवासी समुदाय को संगठित…

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झारखंड राज्य की स्थापना 15 नवंबर 2000 को बिहार से अलग होकर एक स्वतंत्र राज्य के रूप में हुई थी। लेकिन इस स्वतंत्रता की कहानी बहुत लंबी और संघर्षपूर्ण है। इस ब्लॉग में, हम झारखंड आंदोलन की पूरी यात्रा को विस्तार से जानेंगे। झारखंड का ऐतिहासिक पृष्ठभूमि झारखंड का क्षेत्र प्राचीन काल से ही मानव सभ्यता का केंद्र रहा है। यहाँ के जंगल, पहाड़ और नदियाँ आदिमानव के लिए निवास और जीवन-यापन का उपयुक्त स्थान थे। प्राचीन काल में यह क्षेत्र विभिन्न जनजातियों और समुदायों का निवास स्थान था, जो जंगलों और पहाड़ों में बसे हुए थे। इस क्षेत्र का…

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झारखंड का इतिहास: झारखंड, भारत के पूर्वी हिस्से में स्थित, एक महत्वपूर्ण राज्य है जिसे 15 नवंबर 2000 को बिहार से अलग कर एक स्वतंत्र राज्य बनाया गया। झारखंड का इतिहास बेहद समृद्ध और विविधता से भरा है, जिसमें प्राचीन सभ्यताओं, आदिवासी संस्कृति, औपनिवेशिक संघर्ष और आधुनिक विकास शामिल हैं। प्राचीन काल [झारखंड का इतिहास] झारखंड का क्षेत्र प्राचीन काल से ही मानव सभ्यता का केंद्र रहा है। यहाँ के घने जंगल, पहाड़ और नदियाँ प्राचीन मानव के निवास और जीवन-यापन के उपयुक्त स्थान थे। प्राचीन काल में यह क्षेत्र विभिन्न जनजातियों और समुदायों का निवास स्थान था। प्रागैतिहासिक सभ्यता:…

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झारखंड, भारत के पूर्वी हिस्से में स्थित, प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक धरोहर से समृद्ध एक खूबसूरत राज्य है। घने जंगलों, हरे-भरे पहाड़ों, और अनगिनत झरनों के कारण यह स्थान पर्यटकों के लिए एक आदर्श गंतव्य है। [झारखंड के प्रमुख पर्यटन स्थल] रांची: झरनों का शहर रांची, झारखंड की राजधानी, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और झरनों के लिए मशहूर है। यहाँ के कुछ प्रमुख आकर्षण हैं: देवघर: बाबा बैद्यनाथ धाम देवघर, झारखंड के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है, जो बाबा बैद्यनाथ धाम के लिए प्रसिद्ध है। यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और लाखों श्रद्धालु हर साल यहाँ आते…

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समस्तीपुर, एजेंसियां। समस्तीपुर की लेडी डान अंजलि का लंबा चौड़ा आपराधिक इतिहास रहा है। उसके खौफनाक कारनामों की याद आते ही लोग सिहर उठते हैं। हालांकि बिहार में बाहुबलियों की कमी नहीं है। यहां एक से एक बाहुबली और डान हैं, जिनके नाम सिर्फ बिहार ही नहीं, आसपास के राज्यों के लोग भी कांपते हैं। इन सबके बीच समस्तीपुर की लेडी डान अंजलि ने अपने वजूद का अहसास कराया है। न सिर्फ अपने वजूद का अहसास कराया बल्कि अपना खौफ कायम कर रखा है। बिहार में डॉन की तरह यह लेडी डॉन भी आपराधिक घटनाओं में अपना दायरा बढ़ा रही…

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धनबाद। धनबाद की सबसे ताकतवर मानी जानेवाली फैमिली सिंह मेंशन [Singh Mansion] में रहती है। जब तक पूर्व विधायक बाहुबली सूर्यदेव सिंह जिंदा था, सिंह मेंशन फैमिली की तूती बोलती थी। पर सूर्यदेव सिंह के गुजरते ही इस फैमिली के हिस्से एक-एक कर बिखरते चले गये। सिंह मेंशन: परिवार तिनका-तिनका बिखर गया सिंह मेंशन आंतरिक कलह का शिकार हो गया। फिर वो हुआ, जिसकी कल्पना भी कठिन थी। कहते हैं जिस खेत में खून से सिंचाई होती है, वो खूनी फसल ही पैदा करती है। वही हुआ सिंह मेंशन में भी हुआ। यह परिवार ऐसा बिखरा कि सभी एक-दूसरे के…

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रांची। जेएमएम- कांग्रेस-राजद के विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट करने की योजना में मौसम खलनायक बन गया। विधायकों का चार्टर्ड प्लेन खराब मौसम की वजह से उड़ान नहीं भर पाया। इसके बाद सभी विधायक सर्किट हाउस लौट गए। आज शाम सर्किट हाउस से एय़रपोर्ट के लिए बस से जेएमएम और कांग्रेस विधायक निकले थे। सभी एयरपोर्ट पहुंच गए थे। फ्लाइट में बैठने के बाद एयरहोस्टेज सभी को अपनी कुर्सी की पेटी बांधने की सलाह दे रही थी, लेकिन फिर इसी बीच सूचना आई की फ्लाइट उड़ान नहीं भर सकता। क्योंकि इस वक्त रांची का मौसम काफी खराब है। घना कोहरा छाया…

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