अभी पार्ट टाइम रिसर्च नहीं कर सकेंगे अभ्यर्थी
रांची। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी (डीएसपीएमयू) में पांच साल पहले यूजीसी पीएचडी रेगुलेशन-2016 को स्वीकृति मिली थी। लेकिन इसमें पार्ट टाइम पीएचडी रिसर्च करने का प्रावधान नहीं किया गया था।
इस कारण जॉब कर रहे अभ्यर्थी डीएसपीएमयू से पीएचडी नहीं कर सकते। इसलिए यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा पीएचडी रेगुलेशन में पार्ट टाइम जोड़ने का प्रस्ताव तैयार किया गया था।
वीसी प्रो. तपन कुमार शांडिल्य की अध्यक्षता में एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग हुई, जिसमें इस प्रस्ताव पर चर्चा तक नहीं हुई। इसलिए अभी डीएसपीएमयू से पार्ट टाइम पीएचडी रिसर्च अभ्यर्थी नहीं कर सकते हैं।
कई अभ्यर्थियों को रजिस्ट्रेशन के बाद मिला जॉबः
डीएसपीएमयू से पीएचडी कर रहे कई ऐसे अभ्यर्थी हैं, जिन्हें एक-डेढ़ साल रिसर्च के बाद जॉब मिल गई। इसलिए ऐसे अभ्यर्थियों को पीएचडी कोर्स पूरा करना मुश्किल हो गया है। क्योंकि पार्ट टाइम का प्रावधान नहीं है।
हालांकि डीएसपीएमयू का पीएचडी रेगुलेशन 2016 राजभवन से स्वीकृत नहीं है। एकेडमिक काउंसिल की बैठक में वीसी के अलावा डीएसडब्ल्यू डॉ. सर्वोत्तम कुमार, रजिस्ट्रार डॉ. नमिता सिंह, डॉ. ईश्वरी प्रसाद गुप्ता, डॉ. गणेश चंद्र बास्के, डॉ. धन्नंजय बासुदेव द्विवेदी, डॉ. अभय कृष्ण, प्रो. राजेश कुमार सिंह समेत अन्य थे।
एकेडमिक काउंसिल में साइंस डीन डॉ. ईश्वरी प्रसाद गुप्ता द्वारा लिखित पुस्तक द रीसेंट एडवांस इन साइंस इन ग्लोबल पर्सपेक्टिव का विमोचन किया गया।
नए कोर्सों का सिलेबस और बजट स्वीकृत :
डीएसपीएमयू में सेल्फ फाइनेंस के दो नए प्रोफेशनल कोर्स शुरू किए जाएंगे। इन दोनों कोर्सों के सिलेबस और बजट को भी स्वीकृति प्रदान कर दी गई।
इसमें पहला कोर्स बायोटेक्नोलॉजी और दूसरा खेल मनोविज्ञान है। खेल मनोविज्ञान कोर्स साइकोलॉजी विभाग के अंतर्गत संचालित की जाएगी।
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