Premanand Maharaj:
नई दिल्ली, एजेंसियां। सावन का पवित्र महीना भगवान शिव की आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस अवसर पर श्रद्धालु अपने संकटों को दूर करने और मनोकामनाएं पूरी करने के लिए शिव जी की भक्ति करते हैं। संत प्रेमानंद महाराज ने बताया कि भोलेनाथ की पूजा में दिखावटी चीजों की जरूरत नहीं होती। उनकी भक्ति सच्चे दिल और श्रद्धा से होनी चाहिए, क्योंकि भगवान शिव ‘आशुतोष’ हैं, यानी थोड़ी-सी भक्ति से भी वे प्रसन्न हो जाते हैं।
Premanand Maharaj:प्रेमानंद जी के अनुसार
प्रेमानंद जी के अनुसार, महंगे पूजन-सामग्री की आवश्यकता नहीं है, चुल्लू भर पानी से भी शिव पूजा की जा सकती है। वे बताते हैं कि शिव भक्ति का महत्व बहुत बड़ा है और भगवान शिव अत्यंत सरल स्वभाव के और दयालु देवता हैं। उन्होंने एक प्रसंग बताया जिसमें भगवान श्रीराम ने कहा था कि उनकी भक्ति करने के लिए शिव कृपा होना जरूरी है। शिव की कृपा के बिना कोई भी भक्ति पूर्ण नहीं हो सकती।

Premanand Maharaj:संत प्रेमानंद महाराज ने यह भी समझाया
संत प्रेमानंद महाराज ने यह भी समझाया कि भगवान विष्णु (‘हरि’) और भगवान शिव (‘हर’) एक ही सत्ता के दो रूप हैं। जीवन के हर पल में अपने आराध्य का स्मरण करना ही सच्ची साधना है। यदि कोई व्यक्ति एकाग्र मन और पूर्ण समर्पण के साथ शिव की पूजा करता है, तो महादेव उसके हृदय के द्वार खोल देते हैं।अंत में प्रेमानंद जी ने कहा कि सच्चे मन से की गई शिव पूजा कभी व्यर्थ नहीं जाती। भोलेनाथ उस भक्ति को स्वीकार करते हैं और भक्त की हर मनोकामना पूरी करते हैं। इसलिए सावन के इस शुभ माह में सरलता, श्रद्धा और समर्पण के साथ भगवान शिव की आराधना करें और उनकी कृपा पाएं।
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