देवघर। देवघर स्थित बैद्यनाथ धाम में महाशिवरात्रि के पहले मंगलवार को एक महत्वपूर्ण धार्मिक कार्य संपन्न हुआ। मंदिर के प्रधान पुजारी गुलाबनंद ओझा ने पंचशूलों की विशेष पूजा-अर्चना की। बाबा बैद्यनाथ और मैया पार्वती मंदिर सहित सभी 22 मंदिरों के शिखरों पर पंचशूलों को पुनर्स्थापित किया गया।
इस दौरान भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। श्रद्धालुओं ने पंचशूलों को मस्तक से स्पर्श कर नमन किया। भक्तों ने बाबा बैद्यनाथ के जयकारा लगाया। इधर, पंचशूल स्थापित करने के बाद बाबा बैद्यनाथ और मां पार्वती मंदिर का गठबंधन आरंभ किया गया।
उतारे गये थे सभी पंचशूलः
महाशिवरात्रि से पहले सभी मंदिरों के पंचशूलों को उतारा जाता है। यह एक प्राचीन परंपरा है, जिसमें महाशिवरात्रि से पहले सभी मंदिरों के पंचशूलों को उतारा जाता है। इसके बाद उनकी साफ-सफाई की जाती है।
बाबा बैद्यनाथ और मैया पार्वती मंदिर के पंचशूलों को सोमवार को उतारा गया था। अन्य मंदिरों के पंचशूल पहले ही उतारे जा चुके थे। विशेष पूजन के बाद बाबा और पार्वती मंदिर के पंचशूलों का मिलन कराया गया।
यह है परंपराः
शिवरात्रि के दो दिन पूर्व पंचशूल उतारकर पूजा के बाद इन्हें एक दिन पहले मंदिर के शिखर पर लगा दिया जाता है। सबसे पहले मंदिर के भंडारी ने पार्वती मंदिर के शिखर से पंचशूल को उतार कर बाबा मंदिर की छत पर लाया और बाबा मंदिर के शिखर से पंचशूल को उतार कर दोनों को आपस में मिलाते हुए मंदिर कार्यालय में रखा गया।
मंदिर के भंडारी दोनों मंदिरों के शिखर से पंचशूल को उतारकर जैसे ही मंदिर से नीचे उतरे, उसे छूने के लिए भक्तों का तांता लग गया।
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