गाजा,एजेंसियां। पोप फ्रांसिस ने गाजा में इस्राइल की ओर से किए जा रहे बमबारी अभियानों को “क्रूरता” करार दिया और कहा कि यह युद्ध नहीं है, बल्कि निर्दोष बच्चों पर हमला है। उन्होंने अपने क्रिसमस संबोधन में गाजा में बच्चों पर हुए हमलों की कड़ी निंदा की, जो उन्होंने “क्रूरता” के रूप में वर्णित किए।
पोप का यह बयान तब आया जब येरूशलम के कैथोलिक बिशप को गाजा में कैथोलिकों से मिलने के लिए प्रवेश से वंचित कर दिया गया था।
इस्राइल ने दोहरे मापदंड का आरोप लगाया
इस्राइल ने पोप फ्रांसिस की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी और उन पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया। इस्राइल का कहना था कि पोप ने उन आतंकी समूहों द्वारा बच्चों को ढाल के रूप में इस्तेमाल करने और इस्राइल के नागरिकों की हत्या करने की क्रूरता को नजरअंदाज किया। इस्राइल के विदेश मंत्रालय ने कहा कि पोप को जिहादी आतंकवाद के संदर्भ को समझना चाहिए और यह स्वीकार करना चाहिए कि यह युद्ध इस्राइल पर थोपे गए हैं, न कि उसने शुरू किया है।
आतंकियों के खिलाफ लड़ाई में मारे गए नागरिक
इस्राइल ने यह भी कहा कि वह नागरिकों को बिना वजह मारने का इच्छुक नहीं है, लेकिन हमास जैसे आतंकी संगठन गाजा के नागरिकों को ढाल बनाकर उनके खिलाफ हमले कर रहे हैं। इस्राइल का कहना है कि वह अपनी सुरक्षा के लिए जवाबी कार्रवाई कर रहा है, हालांकि यह मानविताधिकार के उल्लंघन का भी कारण बन रहा है।
7 अक्टूबर का आतंकवादी हमला और इस्राइल की प्रतिक्रिया
यह विवाद उस बड़े आतंकवादी हमले के बाद उत्पन्न हुआ, जिसे हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को इस्राइल पर किया था। इस हमले में 1,200 से अधिक लोगों की मौत हो गई और 250 से ज्यादा लोग बंधक बना लिए गए। इस हमले के जवाब में, इस्राइल ने गाजा पर हवाई और जमीनी हमले किए, जिनमें 45,000 से अधिक लोग मारे गए।
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