रांची। झारखंड में छात्रों की उम्मीदों पर एक बार फिर पानी फिर गया है। लंबे इंतजार के बाद रविवार को हुई JSSC-CGL परीक्षा स्थगित हो गई है। दरअसल रविवार को हुई परीक्षा के दौरान कई छात्रों ने पेपर लीक की बात उठाई।
इसके बाद देखते ही देखते सभी परीक्षा केंद्रों पर इसे लेकर हंगामा होने लगा। छात्रों का कहना था कि इसके कुछ प्रश्नों के उत्तर वाट्सएप पर परीक्षा से पहले ही वायरल हो रहे थे। परीक्षा होने के बाद पता चला कि ये उत्तर पूछे गए प्रश्नों से ही संबंधित थे।
परीक्षा खत्म होने के बाद शाम में अभ्यर्थियों ने स्टेट लाइब्रेरी के पास जमा होकर इसके विरोध में प्रदर्शन भी किया। आक्रोशित अभ्यर्थी परीक्षा रद्द करने तथा इसकी सीबीआइ जांच कराने की मांग कर रहे थे। कुछ अभ्यर्थियों ने इसकी शिकायत भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी से करते हुए हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया।
परीक्षा में पेपर लीक की CBI जांच हो: बाबूलाल
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने जेएससीसी द्वारा आयोजित सीजीएल परीक्षा में कथित तौर पर पेपर लीक की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। कहा कि कई छात्रों ने सोशल मीडिया पर आंसर शीट जारी की है। साथ ही व्हाट्सएप पर भी प्रश्न पत्रों के परीक्षा के पहले की सामने आने की बात सामने आ रही है।
राज्य सरकार द्वारा आयोजित यह परीक्षा भ्रष्टाचार के दायरे में आ गई है। इस मामले की जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए। झारखंड सरकार युवाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है। पूरी परीक्षा में भ्रष्टाचार की बू आ रही।
कानूनी कार्रवाई में फंसने के डर से युवा इस परीक्षा में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज नहीं उठा पा रहे।
बता दें कि अभ्यर्थियों की संख्या अधिक होने के कारण यह परीक्षा दो चरणों में हो रही है। इसकी अगली परीक्षा चार फरवरी को होगी जिसमें शेष अभ्यर्थी सम्मिलित होंगे। इस परीक्षा के लिए लगभग 6.5 लाख अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है।
इस परीक्षा के लिए रांची जिला में 108 केंद्र बनाए गए थे। जहां लगभग 70 हजार परीक्षार्थियों ने परीक्षा दिया।
पहले भी लीक हुए हैं प्रश्न पत्र
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा के प्रश्न पहले भी लीक होते रहे हैं। पिछले वर्ष ही इसकी डिप्लोमा प्रतियोगिता परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक हो गए थे। अभ्यार्थियों की शिकायत पर जब इसकी जांच कराई गई तो प्रश्न पत्र लीक होने की पुष्टि हुई।
जांच में परीक्षा लेने वाली एजेंसी के लोग ही प्रश्न पत्र लीक करने में सलिप्त पाए गए। बाद में आयोग ने न केवल परीक्षा को रद्द किया, बल्कि जांच के बाद उक्त एजेंसी के विरुद्ध कार्रवाई भी की। उक्त एजेंसी काली सूची में भी डाली गई।
कड़े कानून लागू होने के बाद भी प्रश्न लीक
राज्य सरकार ने प्रतियोगिता परीक्षा में कदाचार रोकने के लिए हाल ही में कड़ा कानून लागू किया है। इसके तहत प्रश्नपत्र लीक करने तथा इसमें संलिप्त पाए जाने पर जेल की सजा से लेकर भारी जुर्माना का प्रविधान किया गया है।
आयोग ने पिछले दिनों उक्त कानून का हवाला देते हुए सभी को सचेत भी किया था। इसके बाद भी प्रश्न पत्र लीक होने पर सवाल उठ रहे हैं।
आयोग दर्ज करायेगा प्राथमिक
प्रश्न पत्र लीक होने की बात सामने आने के बाद आयोग इसे लेकर थाने में प्राथमिकी दर्ज करा सकता है। हाल ही में लागू किए गए कड़े कानून के तहत पहली बार इस गड़बड़ी में लिप्त पाए जाने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई होगी।
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