रांची। झारखंड में बांग्लादेशी महिलाओं की तस्करी और अवैध घुसपैठ के मामले में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है।
यह केस झारखंड पुलिस की ओर से जून में रांची के बरियातू पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर हुआ है।
मामला बांग्लादेशी घुसपैठ और फर्जी कागजात बनाने का
मामला बांग्लादेशी नागरिकों की अवैध घुसपैठ और फर्जी दस्तावेज बनाने से जुड़ा है। ईडी ने कहा है कि इसकी व्यापक जांच जरूरी है।
जानकारी के अनुसार पुलिस ने एक महिला की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की थी। उसने पुलिस को बताया कि वह काम की तलाश में दलालों की मदद से बांग्लादेश से भारत में घुसपैठ कर आई थी।
इसमें 5-6 महिलाओं को आरोपी बनाया गया था। इन महिलाओं को एक स्थानीय रिसोर्ट में छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया गया था।
महिला ने बताया कि उन्हें ब्यूटी सैलून में नौकरी दिलाने का वादा करके लाया गया था। यहां आने के बाद उन्हें वेश्यावृत्ति के दलदल में धकेल दिया गया।
ईडी ने यह मामला 4 जून को दर्ज किया है। रांची के बरियातू थाने में आईपीसी 1860 की धारा 420, 467, 468, 471 और 34, पासपोर्ट अधिनियम 1967 की धारा 12, विदेशी अधिनियम 1946 की धारा 14 ए के तहत केस दर्ज हुआ था।
ब्यूटी पार्लर में काम का झांसा देकर गंदगी में धकेला गया
मामले में की जांच के बाद बताया गया कि बांग्लादेश की रहने वाली लगभग 21 साल की युवती को अन्य लोगों की मदद से कोलकाता लाया गया था।
31 मई की आधी रात को निजी एजेंटो की मिलीभगत से युवती को जंगल क्षेत्र से अवैध रूप से बांग्लादेश सीमा पार कराई गई थी।
ईडी ने बताया कि कई व्यक्ति अवैध घुसपैठ और फर्जी पहचान प्रमाण बनाने से संबंधित कानूनी गतिविधियों में शामिल हैं।
ऐसे में बांग्लादेश से भारत में ऐसे व्यक्तियों की अवैध घुसपैठ और ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले एजेंटो के संबंध में जांच करना जरूरी है।
इस मामले में ईडी एक महिला की तलाश में है, जिस पर एक युवती को छुपाकर रखने का आरोप है।
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