रांची। झारखंड हाईकोर्ट ने संथाल इलाके के उपायुक्तों (DC) और SP द्वारा अदालत में दिये गये हलफनामे में आदिवासियों की लगातार घटती आबादी पर कोई जानकारी नहीं देने पर निराशा जताई है।
दानयाल दानिश की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस और जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ ने 22 अगस्त को 5 पन्नों के अपने आदेश में केंद्र सरकार की एजेंसियों द्वारा जवाब देने के लिए समय मांगे जाने पर भी नाराजगी जताई है।
सुनवाई के आदेश की डिटेल हाईकोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड
जनहित याचिका पर हुई सुनवाई के आदेश की विस्तृत कॉपी हाईकोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड कर दी गयी है।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि संथाल के डीसी यह बता रहे हैं कि वहां बांग्लादेशी मूल के लोगों की घुसपैठ नहीं हुई है, लेकिन आदिवासियों की घटती संख्या के पीछे क्या वजह है, यह नहीं बताया गया है।
केस की अगली सुनवाई 5 सितंबर को
सुनवाई के दौरान अदालत ने सीमा सुरक्षा बल (BSF) के महानिदेशक, यूनिक आइडेंटीफिकेशन अथॉरिटी (UID) के द्वारा जवाब दाखिल करने के लिए समय दिये जाने के आग्रह को ठुकराते हुए अगली सुनवाई से पहले जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
इसके साथ ही अदालत ने संताल के जिला उपायुक्तों द्वारा आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र बनाने के लिए किन दस्तावेजों को आधार बनाया जा रहा है , इस बिंदु पर भी जानकारी मांगी है।
इस मामले की अगली सुनवाई 5 सितंबर को है.उससे पहले जनहित याचिका करने वाले दानयाल दानिश डीसी द्वारा दिये गये जवाब पर अपना प्रतिउत्तर दाखिल करेंगे।
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