मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी और गांडेय विधायक कल्पना सोरेन का रूतबा और बढ़नेवाला है। आनेवाले दिनों में धर के साथ-साथ पार्टी यानी झारखंड मुक्ति मोर्चा में भी उनकी ही चलेगी। यानी घर में और पार्टी में भी हेमंत सोरेन को पत्नी की सुननी पड़ सकती है।
मतलब घर और पार्टी में कल्पना सोरेन का आर्डर ही चलेगा। धनबाद में JMM का स्थापना दिवस समारोह होनेवाला है। 4 फरवरी को धनबाद में होने वाले इस कार्यक्रम के बीच कल्पना सोरेन की चर्चा तेज हो गई है।
उन्हें पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी मिलने की बात कही जा रही है। कल्पना सोरेन गांडेय की विधायक भी हैं। झामुमो की स्थापना धनबाद में ही हुई थी, इसलिए यह आयोजन उनके लिए खास महत्व रखता है।
कल्पना सोरेन के बढ़ते राजनीतिक कद और हाल के समय में निभाई गई भूमिकाओं को देखते हुए, पार्टी में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका की अटकलें लगाई जा रही हैं। यह भी संभावना है कि धनबाद में यदि कल्पना सोरेन को बड़ी जिम्मेदारी नहीं मिल पाती है, तो अप्रैल में गिरिडीह में आयोजित सम्मेलन में उन्हें संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाएगी।
इसके पीछे तर्क ये भी दिया जा रहा है कि पार्टी और राज्य में लगातार उनके फालोवर्स की संख्या बढ़ती जा रही है। वहीं, चंपाई सोरेन अब झामुमो में नहीं हैं। पुराने वरिष्ठ नेता स्टीफन मरांडी स्वास्थ्य कारणों बहुत ज्यादा सक्रिय नहीं रह पाते। ऐसे में कल्पना सोरेन एक ऐसा फेस हैं, जो महिला भी हैं और हर जगह स्वीकार्य भी।
इन्ही सब बातों में ध्यान में रखते हुए आगामी स्थापना दिवस समारोह में कल्पना सोरेन के हाथों पार्टी की कमान सौंपे जाने की चर्चा जोरों पर है। झामुमो का जन्म धनबाद में हुआ था और अब यहीं से कल्पना सोरेन को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। इससे पहले 2 फरवरी को दुमका में भी झामुमो अपना स्थापना दिवस मनाएगा।
धनबाद में यह कार्यक्रम हर साल 4 फरवरी को होता है। पहले यह कार्यक्रम रात 9 बजे से शुरू होकर सुबह तक चलता था, लेकिन अब कोविड के बाद दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक आयोजित किया जाता है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, विधायक और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन को जल्द ही पार्टी में कोई बड़ी जिम्मेदारी दिये जाने की तैयारी है।
कल्पना सोरेन को बड़ी जिम्मेदारी मिलने के कई कारण हैं। हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद कल्पना सोरेन ने जिस तरह से परिस्थितियों को संभाला, उससे उनकी नेतृत्व क्षमता का पता चलता है। उन्होंने न सिर्फ लोकसभा चुनाव में इंडिया ब्लॉक का नेतृत्व किया, बल्कि विधानसभा चुनाव में भी अपनी मजबूत भूमिका निभाई।
दूसरे दलों के नेता भी अपने विधानसभा क्षेत्र में कल्पना सोरेन की मौजूदगी चाहते थे। हेमंत सोरेन की अनुपस्थिति में उन्होंने इंडिया ब्लॉक की कई बैठकों में हिस्सा लिया और झारखंड का नेतृत्व किया। विधानसभा चुनाव में उन्होंने गांडेय विधानसभा सीट से जीत हासिल की।
चुनाव में कल्पना सोरेन स्टार प्रचारक के रूप में उभरीं। उन्होंने पूरे राज्य में धुआंधार प्रचार किया और लगभग 100 रैलियां और रोड शो किए। ऐसी चर्चा है कि 4 फरवरी को धनबाद के कार्यक्रम में बढ़ती उम्र के कारण ‘गुरुजी’ यानी शिबू सोरेन मौजूद नहीं रह पाएंगे।
लेकिन कल्पना सोरेन विशेष रूप से मौजूद रहेंगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी उपस्थित रहेंगे, और झामुमो कोटे के मंत्री भी कार्यक्रम में शामिल होंगे।
कल्पना सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा की राजनीति में पूरी तरह से छा गई हैं। झारखंड की राजनीति में वह सबसे चर्चित चेहरा बन गई हैं। विधानसभा चुनाव के पहले वह स्टार प्रचारक थीं और इसका फायदा पार्टी को मिला। अब वह पूरी तरह से झारखंड मुक्ति मोर्चा की राजनीति का हिस्सा बन गई हैं।
‘झारखंड झुकेगा नहीं, इंडिया रुकेगा नहीं।’ यह नारा देकर कल्पना सोरेन चर्चा में आई थीं। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के समापन पर कल्पना सोरेन ने मुंबई में इस नारे का जोरदार समर्थन किया था।
पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद और लोकसभा चुनाव के बीच कल्पना सोरेन की झारखंड की राजनीति में एंट्री हुई थी। इस एंट्री को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे। झारखंड की राजनीति में कल्पना सोरेन परिस्थिति के कारण आईं, लेकिन राजनीति में आते ही उन्होंने लोगों का भरोसा जीत लिया।
हेमंत सोरेन को पहले से ही लग रहा था कि उन्हें जेल जाना पड़ सकता है। इसलिए 31 दिसंबर 2023 को गिरिडीह के गांडेय विधानसभा से विधायक डॉक्टर सरफराज अहमद को इस्तीफा दिलवाया गया था। यह इस्तीफा उन्हें इस शर्त पर दिलवाया गया था
कि उन्हें राज्यसभा भेज दिया जाएगा, और उन्हें राज्यसभा भेजा भी गया। उसके बाद से कल्पना सोरेन लगातार आगे बढ़ रही हैं। इस तरह कल्पना सोरेन झारखंड की राजनीति में एक महत्वपूर्ण चेहरा बनकर उभरी हैं और उनके भविष्य की राजनीतिक भूमिका पर सबकी नज़रें टिकी हैं।
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