रांची। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने फिर राज्य सरकार को घेरा है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट साझा कर कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को 1000 करोड़ रुपये वित्तीय सहायता का प्रस्ताव भेजा था। लेकिन राज्य सरकार ने इस योजना में कोई रुचि नहीं दिखाई।
इस प्रस्ताव से झारखंड के 10 हजार युवाओं को नैकरी मिलने वाली थी। लेकिन कहीं इसका श्रेय केंद्र की मोदी सरकार न चला जाए, इसलिए की नौकरियों और राज्य की प्रगति को दांव पर लगा दिया।
इतना ही नहीं 5 सालों में ऐसी सैकड़ों स्कीमें हैं जिसमें हेमंत सोरेन सरकार ने केंद्र सरकार से मिलने वाली मदद को अपने अहंकार के चलते ठुकरा दिया।
बाबूलाल मरांडी ने ये लिखाः
बाबूलाल मरांडी ने एक्स पर लिखा, ‘झारखंड की अनुपम प्राकृतिक सौंदर्यता को विश्व पटल पर प्रस्तुत करने और पर्यटन क्षेत्रों को विकसित कर लाखों रोजगार सृजित करने के लिए केंद्र सरकार ने 1000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा था, लेकिन दुर्भावना से ग्रसित हेमंत सोरेन ने इस प्रस्ताव के लिए कोई योजना भेजने में रुचि नहीं दिखाई।
पर्यटन क्षेत्र विकसित करने का था प्रस्तावः
बाबूलाल ने बताया कि केंद्र सरकार ने देशभर के सभी राज्यों को पर्यटन क्षेत्र को विकसित करने के लिए 1000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता का प्रस्ताव दिया, जिसमें राज्य सरकारों से पर्यटन क्षेत्र की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए योजनाओं का प्रस्ताव मांगा गया था, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि झारखंड सरकार ने इस प्रस्ताव के लिए कोई भी योजना नही भेजी।
10 हजार से अधिक युवाओं को मिलता रोजगारः
अनुमान था कि इस प्रस्ताव के माध्यम से 10 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होने थे और झारखंड के पर्यटन क्षेत्र में लगभग 15% की वृद्धि दर्ज होती, पर युवाओं की नौकरियों का श्रेय कहीं केंद्र की मोदी सरकार को न चला जाए और हेमंत सोरेन जी की नाकामी जनता के सामने न आ जाए, इस कारण हेमंत सोरेन ने 10 हजार युवाओं की नौकरियों और राज्य की प्रगति को दांव पर लगा दिया।
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