हेमंत रायफलधारी; चंपाई के पास 3 गन, बसंत, बन्ना और सुदेश के पास 2-2 हथियार
रांची। झारखंड की 81 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ रह नेताओं में 30 ऐसे बड़े चेहरे हैं, जो हथियारों के शौकीन हैं। चुनाव आयोग को प्रत्याशियों ने जो हलफनामा दिया है उसके अनुसार ज्यादातर के पास दो-दो हथियार के लाइसेंस हैं।
बरहेट से चुनाव लड़ रहे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पास 55 हजार की एक रायफल है। वहीं राज्य के पूर्व सीएम चंपाई सोरेन के पास तीन बंदूकें हैं। इसमें एक डबल बैरल बंदूक, एक पिस्तौल और एक एनपी बोर की है।
चंपाई सरायकेला से चुनाव लड़ रहे हैं। राज्य के पहले सीएम बाबूलाल मरांडी के पास कोई हथियार नहीं है। वह धनवार सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
बन्ना गुप्ता, पति-पत्नी दोनों हथियारबंदः
जमशेदपुर पश्चिमी से चुनाव लड़ रहे मंत्री बन्ना गुप्ता के पास तीन हथियार हैं। बन्ना के नाम पर दो और उनकी पत्नी सुधा गुप्ता के नाम पर एक पिस्तौल है।
मंत्री मिथलेश ठाकुर के हलफनामे में हथियारों का कोई जिक्र नहीं है। ये अलग बात है कि मंत्री बनने से पहले से वे हथियारबंद गार्ड से घिरे रहते थे।
मंत्री दीपक बिरुवा के पास एक पिस्तौल और एक रायफल है। वह चाईबासा सीट से झामुमो के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। मंत्री बसंत सोरेन दुमका सीट से खड़े हैं। वे हथियार के शौकीन हैं। उनके पास पिस्टल और एक गन है।
सुदेश महतो के पास 2 महंगे हथियारः
इधर, घाटशिला सीट से पूर्व सीएम के पुत्र बाबूलाल सोरेन चुनाव लड़ रहे हैं। बाबूलाल के नाम पर एक रायफल और उनकी पत्नी के पास 12 बोर की बंदूक। आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो के पास डेढ़ लाख के दो महंगे हथियार हैं।
गीता कोड़ा के पास भी है पिस्टलः
भवनाथपुर से चुनाव लड़ रहे चर्चित विधायक भानु प्रताप शाही व ईचागढ़ से निर्दल लड़ रहे अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह के हलफनामे में हथियारों का जिक्र नहीं है।
धनबाद के राज सिन्हा के पास पुरानी रायफल और एक 32 बोर की पिस्टल है। बोकारो के बिरंची नारायण के पास वेब्ले स्काट की एक पिस्टल और 3.75 बोर की एक रायफल है।
महिला प्रत्याशियों में जगन्नाथपुर से चुनाव लड़ रहीं गीता कोड़ा के पास एक पिस्टल है।
कोल्हान के नेताओं के पास सबसे ज्यादा बंदूकेः
कोल्हान के नेताओं के पास सबसे ज्यादा हथियार है। जबकि, बंदूकबाजी के शौकीन पलामू प्रमंडल के नेताओं के पास कम हथियार हैं। आंकड़ों के अनुसार झारखंड में सबसे ज्यादा 3000 हथियारों के लाइसेंस पलामू प्रमंडल में है।
बाबूलाल सहित कई के पास हथियार नहीः
शपथ पत्र के अनुसार पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी, मंत्री मिथलेश ठाकुर, भाजपा प्रतिपक्ष के नेता अमर बाउरी, विधायक भानु प्रताप शाही, पूर्व विधायक अरविंद सिंह के पास एक भी हथियार नहीं है।
विधायक सुखराम और उनकी दो पत्नियों के पास आधा दर्जन हथियारः
सबसे ज्यादा हथियार का लाइसेंस चक्रधरपुर के विधायक सुखराम उरांव के पास है। आयोग के दिए शपथ पत्र के अनुसार उनके पास एक पिस्तौल और एक रायफल है।
पहली पत्नी सरस्वती उरांव के पास एक रायफल एक पिस्तौल है। दूसरी पत्नी बबीता के पास एक डबल बोर बंदूक और एक रायफल है। उनके परिवार में छह हथियार के लाइसेंस हैं।

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