जमशेदपुर, एजेंसियां। जमशेदपुर के उत्पाद विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर रामलीला रवानी और इंस्पेक्टर कुमार सत्येंद्र को निलंबित कर दिया गया है।
इनके उपर आरोप है कि इन्होंने छापेमारी के दौरान लापरवाही बरती है। निलंबन के बाद अब इनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही भी चलेगी। ये कार्रवाई चुनाव आयोग के निर्देश पर की गई है।
आयोग ने मुख्य सचिव को मंगलवार सुबह 11 बजे तक निलंबन आदेश जारी करने और बुधवार शाम तक आरोप पत्र जारी करने को कहा है।
इसके अलावा 60 दिन के अंदर विभागीय कार्यवाही पूरा करने का भी निर्देश है। साथ ही यह कार्यवाही आयोग की अनुमति के बिना बंद नहीं होगा।
निलंबन के दौरान रवानी का मुख्यालय संथाल परगना प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय दुमका निर्धारित किया गया है।
मामले की शुरुआत तब हुई जब पूर्वी सिंहभूम के डीसी ने इस संबंध में उत्पाद विभाग को पत्र लिखा।
पत्र के मुताबिक एक अप्रैल को सुबह 11 बजे घाटशिला एसडीओ, धालभूमगढ़ सीओ और घाटशिलाके कार्यपालक दंड़धिकारी ने नकली शराब मामले में चारचाका गांव के अजीत सिंह के यहां छापेमारी की थी।
वहां बड़ी संख्या में खाली बोतल, रैपर, झारखंड सरकार का लोगो, बारकोड लगा स्टीकर, आबकारी विभाग लिखा हुआ कैप सील स्टीकर और स्प्रिट आदि मिले थे।
इस संबंध में एसडीओ ने पहले ही उत्पाद विभाग को सूचना दे दी थी। लेकिन रामलीला रवानी औऱ कुमार सत्येंद्र ने मौके पर पहुंचने में काफी देरी की और छापेमारी में भी सहयोग नहीं किया।
बाद में जब पूर्वी सिंहभूम के डीसी ने इस मामले में रवानी से स्पष्टीकरण मांगा तो इसमें रवानी ने उत्पाद इंस्पेक्टर कुमार सत्येंद्र को दोषी करार दिया और खुद को निर्दोष बताया।
उनके इस स्पष्टीकरण की जिला स्तर पर समीक्षा की गई। इसके बाद डीसी ने माना कि रवानी का स्पष्टीकरण स्वीकार करने योग्य नहीं है।
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