जुबली पार्क
झारखंड की धरती पर जन्नत का नजारा कराता है जुबली पार्क
कहते हैं, धरती पर स्वर्ग देखना है, तो स्विट्जरलैंड जायें। यदि भारत में स्वर्ग देखना है, तो कश्मीर चले जायें।
ऐसा ही कुछ झारखंड में भी है। यहां कहा जाता है कि जन्नत देखना हो, तो जमशेदपुर के जुबली पार्क जायें।
सच में धरती पर स्वर्ग ही तो है यह पार्क। जमशेपुर शहर के बीचो बीच स्थित यह पार्क शांति और सुकून का अहसास कराता है।
स्टील फैक्ट्री की ऊंची-ऊंची चिमनियों के बीच से निकल कर आप सीधे हरी भरी वादियों में पहुंच जाते हैं।
चारो ओर फैली दलमा पहाड़ियों की ऋंखला इसकी खुबसूरती में चार चांद लगाती नजर आती है।
इतना ही नहीं, इस पार्क के फाउंटेन यानी रंगीन फव्वारों को निहारते तो आंखें थकती ही नहीं है।
ये फाउंटेन पूरे देश में विशिष्ट स्थान रखते हैं। कुल मिला कर कहें, तो कहीं से भी थका हारा आया व्यक्ति यदि यहां कुछ पल गुजार ले, तो बिलकुल तरो ताजा होकर ही यहां से निकलेगा।
पार्क के दूसरी ओर एक चिड़ियाघर भी है, जिसमें कई तरह के जंगली जानवर हैं, जो बच्चे के लिए आकर्षण का केंद्र होते हैं।
वहीं बगल में स्थित एम्यूजमेंट सह वाटर पार्क तो बच्चों और बड़ों सबको मस्ती कराता है।
जुबली पार्क
जुबली पार्क झारखंड के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। यह पार्क जमशेदपुर का प्रमुख आकर्षण है।
जुबली पार्क शहर के लोगों के साथ-साथ पर्यटकों के लिए भी एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र है।
विशेष रूप से प्रकृति प्रेमियों के लिए और प्रकृति की गोद में बैठकर प्रकृति का आनंद लेने के लिए एक शानदार जगह है।
इसलिए यह उन लोगों के लिए आकर्षण का एक महत्वपूर्ण स्थान है जो शहर के व्यस्त जीवन में कुछ समय बिताना चाहते हैं।
सर्दियों के समय में अपने परिवार के साथ आनंद लेने के लिए सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए एक अद्भुत जगह है।
पूरा पार्क हरे-भरे पेड़ों से घिरा हुआ है। सूर्यास्त के समय पार्क का नजारा देखने लायक होता है। इस पार्क में कुछ समय बिताना एक यादगार अनुभव प्रदान करता है।
1958 में हुई जुबली पार्क का स्थापनाः
अगस्त 1958 में अपनी स्वर्ण जयंती पर, टाटा स्टील ने जमशेदपुर के नागरिकों को शहर के बीचों बीच 37.75 एकड़ का पार्क भेंट किया, जिसे सभी जुबली पार्क के नाम से जानते हैं।
इसलिए इसका नाम जुबली पार्क रखा गया। पार्क का संचालन और रखरखाव टाटा स्टील द्वारा किया जाता है।
जुबली पार्क की स्थापना सर जमशेदजी नुसरवानजी टाटा के नेतृत्व में हुई, जो एक महान भारतीय उद्योगपति, टाटा समूह के संस्थापक और जमशेदपुर शहर के संस्थापक थे।
500 एकड़ में फैला है जुबली पार्कः
जमशेदपुर के मुगल गार्डन के रूप में लोकप्रिय, खूबसूरत जुबली पार्क मैसूर के वृंदावन गार्डन से प्रेरित है।
पार्क 500 एकड़ के विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है और इसे विभिन्न वर्गों में विभाजित किया गया है।
पार्क के मुगल गार्डन में टाटा समूह के संस्थापक और शहर के संस्थापक सर जमशेदजी नुसरवानजी टाटा की एक ऊंची मूर्ति स्थापित है।
रोज गार्डनः
पार्क का एक अलग हिस्सा है जिसे रोज गार्डन के नाम से जाना जाता है। जहां विभिन्न किस्मों और रंगों के गुलाब मिलेंगे।
सर्दियों के मौसम में जब गुलाब खिलते है तो पार्क बहुत हरा-भरा और रंगीन दिखता है। यह जमशेदपुर के सबसे खूबसूरत बागों में से एक है।
यह उद्यान दूर से इतना रंगीन दिखता है कि पर्यटक खुद ही इसकी ओर आकर्षित हो जाते हैं।
यह बाग कई साल पहले स्थापित किया गया था। इस एक पार्क के अंदर कई उद्यान, गार्डेन और सरोवर हैं, जो अलग-अलग आनंद देते हैं।
फाउंटेन पार्कः
शाम के समय फाउंटेन पार्क में बहुरंगी फव्वारे और रोशनी जलाई जाती है। सूर्यास्त के समय में पार्क बहुत सुंदर दिखता है।
पार्क के अंदर बच्चों के लिए एक पसंदीदा जगह चिल्ड्रन पार्क है। जिसमें कई सवारी, झूले आदि लगाए गए हैं। यह हरियाली और ताजी हवा से भरा एक शानदार स्थान है।
जयंती सरोवरः
पार्क के बीचों बीच है जयंती सरोवर जो युवाओं में सबसे लोकप्रिय है। यह टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क के प्रवेश द्वार के पास स्थित है।
चारों तरफ हरियाली वाली शांत झील। झील के सामने कुछ बेंच हैं, जो इसे एक अद्भुत बनाते हैं।
यहां कुछ पल बैठने से बहुत शांति मिलती है। झील के किनारे बैठकर शाम बिताने का एक अलग ही आनंद है।
आप झील में मछली भी पकड़ सकते हैं। पर इसके लिए परमिशन लेनी पड़ती है। झील की सुंदरता का अधिक स्पष्ट रूप से आनंद लेने के लिए नौका विहार की सुविधा भी उपलब्ध है।
झील के बीच में एक बैट आइलैंड है। यहां बड़े बड़े चमगादड़ भरे पड़े हैं। इसीलिए इसे बैट आइलैंड भी कहा जाता है।
स्मृति उद्यानः
स्मृति उदयन जिसका अर्थ है यादों का एक बगीचा, पार्क का एक हिस्सा है जहाँ विभिन्न समुदायों, संगठनों के सदस्यों और टाटा समूह के कर्मचारियों द्वारा भी पौधे लगाए जाते हैं।
किसी भी महान व्यक्तित्व या किसी भी घटना की स्मृति के लिए। शताब्दी उद्यान जयंती सरोवर के ठीक सामने एक हरा भरा लॉन है।
यह झील के दृश्य का आनंद लेते हुए पिकनिक के लिए सबसे अच्छी जगह है।
औषधीय उद्यानः
जुबली पार्क के एक हिस्से में औषधीय उद्यान भी है। यहां सैकड़ो प्रकार के औषधीय पौधे लगाये गये हैं।
सभी पौघों के बारे में विस्तृत जानकारी भी दी गई है। अक्सर लोग इनका अध्ययन करते नजर आते हैं।
नये विस्तारः
टाटा स्टील और JUSCO द्वारा टिल्ट बाइक और टाटा इंटरनेशनल के सहयोग से वर्ष 2019 में पार्क में एक ऑटोमेटेड साइकिल शेयरिंग सिस्टम की व्यवस्था की गई है।
मोबाइल ऐप (tilt.bike/app) के माध्यम से साइकिल बुक की जा सकती है और आप इस ऐप को Google Play Store से मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं।
जूलाजिकल पार्कः
जुबली पार्क के दूसरे हिस्से में जूलाजिकल पार्क है, जिसे लोग चिड़ियाघर भी कहते हैं। यहां देश विदेश के जंगली जानवर रखे गये हैं।
बच्चों के लिए ये जानवर खास आकर्षण का केंद्र हैं। यह झारखंड का ऐसा इकलौता पार्क है, जहां जेब्रा भी रखे गये हैं।
एम्यूजमेंट एंड वाटर पार्कः
जुबली पार्क के बगल में ही एक एम्यूजमेंट एंड वाटर पार्क बनाया गया है। इसमें बच्चो और बड़ों की मस्ती के लिए तमाम तरह के झूले और गेम मौजूद हैं। छुट्टियों के दिन में यहां भीड़ लगी रहती है।
कब जायें जुबली पार्क घुमनेः
पार्क का दौरा करने का सबसे अच्छा समय 3 मार्च के समारोह के दौरान है, क्योंकि हर साल इस दिन संस्थापक दिवस (सर जमशेदजी नुसरवानजी टाटा की जयंती) के मौके पर पार्क को दुल्हन की तरह सजाया जाता है।
दूर-दूर से लोग इसे देखने के लिए शहर आते हैं। पश्चिम बंगाल, बिहार और उड़ीसा के लोग सजावट और रौशनी देखने के लिए विशेष रूप से इस दिन जमशेदपुर आते हैं।
यह सजावट 4 दिनों (2 मार्च से 5 मार्च) तक रखी जाती है। पार्क में दो प्रवेश द्वार हैं, साकची प्रवेश द्वार और सर्किट हाउस प्रवेश द्वार।
बच्चों के पार्क सहित जुबली पार्क के हर बगीचे और लॉन में प्रवेश नि: शुल्क है।
प्रवेश शुल्क केवल टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क, निक्को जुबली पार्क, स्पलैश जोन, लेजर शो और म्यूजिकल फाउंटेन के लिए लागू है।
कैसे पहुंचे जुबली पार्क
वायुमार्ग:
जमशेदपुर एयर डेकन द्वारा कोलकाता के हवाई अड्डा द्वारा जुड़ा हुआ है। इसके अलावा, एक और निजी एयरलाइन सप्ताह में दो दिन दिल्ली से यहां उड़ान भरती है।
इस हवाई अड्डे का उपयोग ज्यादातर कॉर्पोरेट जहाजों के आगमन और प्रस्थान के लिए किया जाता है।
इसके अलावा, इसका उपयोग जमशेदपुर को-ऑपरेटिव फ्लाइंग क्लब और टाटानगर एविएशन द्वारा उड़ान प्रशिक्षण के लिए किया जाता है।
कोलकाता के अलावा, यहां का निकटतम हवाई अड्डा रांची का बिरसा मुंडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो जुबली पार्क से लगभग 131 किमी दूर है।
रेलमार्ग :
टाटानगर रेलवे जंक्शन पार्क से 12 किमी दूर स्थित निकटतम रेलवे स्टेशन है।
टाटानगर (जमशेदपुर) दक्षिण पूर्व रेलवे के सबसे प्रमुख रेलवे स्टेशनों में से एक है और यह भारत के प्रमुख शहरों जैसे कोलकाता, मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, पटना, रायपुर, भुवनेश्वर, नागपुर आदि से सीधे जुड़ा हुआ है।
रेलवे स्टेशन को टाटानगर के नाम से जाना जाता है।
सड़क मार्ग :
जमशेदपुर में स्थित होने के कारण, जुबली पार्क भारत के सभी बड़े शहरों से जुड़ा है।
शहर से होकर राष्ट्रीय राजमार्ग 33 (बहरागोड़ा से बरही) गुजरती है जो राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 2 से जुड़ती है जिससे कोलकाता एवं दिल्ली जुड़े हुए हैं।
रांची (131 किलोमीटर), पटना, गया, कोलकाता (250 किलोमीटर) सहित बिहार, बंगाल, एवं उड़ीसा के अन्य प्रमुख शहरों से जमशेदपुर के लिए सीधी बस सेवा उपलब्ध (सरकारी एवं निजी) है।
इसके अलावा निजी वाहन के द्वारा भी जमशेदपुर पहुंचा जा सकता है।
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