Thursday, July 3, 2025

चतरा जिला कब बना?

चतरा जिला कब बना?

चतरा

झारखंड के उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल का प्रवेश द्वार कहे जाने वाला चतरा जिला की स्थापना 29 मई 1991 ई में हुई थी।

चतरा भारत में झारखंड राज्य के चतरा जिले का मुख्यालय है। यह हजारीबाग, कोडरमा , पलामू, लोहरदगा और रांची से घिरा हुआ है, तथा बिहार राज्य की सीमा से सटा हुआ है।

चतरा जंगलों से घिरा और हरियाली से भरपूर है। चतरा जिले में खनिज के साथ कोयला भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।

चतरा जिले की स्थापना हजारीबाग से विभाजित कर की गयी थीI रांची, हजारीबाग, पलामू और लातेहार की सीमाएं इस जिले से सटी हैं।

चतरा जिला में 2 पर्यटन स्थल मां भद्रकाली मंदिर और मां कौलेश्वरी पर्वत है। जिले में दो अनुमंडल सिमरिया तथा चतरा है।

जिला में 12 प्रखंड क्रमशः चतरा, सिमरिया, टंडवा, पत्थलगड़ा, कुंदा, प्रतापपुर, हंटरगंज, कान्हाचट्टी, इटखोरी, मयूरहंड, लावालौंग, गिधौर प्रखंड शामिल हैं।

154 पंचायत और 1474 गांव हैं। जिले से एनएच 99 तथा एनएच 100 गुजरते हैं. जिला में दो विधानसभा चतरा व सिमरिया है।

चतरा झारखंड का सबसे छोटा संसदीय क्षेत्र है। चतरा लोकसभा में 5 विधानसभा आते हैं। जिसमें चतरा, सिमरिया, पांकी, लातेहार, मनिका विधानसभा शामिल हैं।

जिले की साक्षरता दर 60.16% है। जिसमें पुरुष साक्षरता दर 69.92 व महिला साक्षरता दर 49.92 है।

चतरा जिले से दामोदर, बराकर, हेरुआ, महाने, निरंजने, बलबल तथा बक्सा नदियां बहती हैं।

राजा राम मोहन राय की कर्म भूमि रही है चतरा

चतरा जिला महान समाज सुधारक राजा राम मोहन राय की कर्म भूमि रही है। वर्ष 1805 से लेकर 1806 तक वह यहां डिप्टी रजिस्ट्रार के पद पर कार्य कर चुके हैं।

पुरानी कचहरी स्थित अवर निबंधन कार्यालय इसका गवाह है। चतरा पदस्थापन के करीब 23 वर्षों के बाद 1829 उन्होंने सती प्रथा के विरुद्ध आंदोलन की शुरूआत की थी।

राजाराम मोहन राय के कार्यकाल के सारे अवशेष हजारीबाग में ऐसे ही बेकार रखे हुए हैं। उनके कार्यकाल की स्मृतियों को यहां लाने के लिए कई बार प्रयास किया गया।

लेकिन इस दिशा में कोई सफलता नहीं मिली। राजाराम मोहन राय की स्मृतियों को सहेजने की आवश्यकता है।

हजारीबाग में बेकार पड़े इन ऐतिहासिक तथ्यों को चतरा लाने की जरूरत है। राजाराम मोहन राय की स्मृति में नगर परिषद कार्यालय के समीप एक भवन का निर्माण कराया गया है।

स्मृति भवन के सामने एक प्रतिमा लगाई गई है। यह प्रतिमा राजाराम मोहन राय की चतरा से जुड़ी यादों को ताजा करती है।

स्वतंत्रता आंदोलन में चतरा का अप्रतिम योगदान

स्वतंत्रता आंदोलन में चतरा का अप्रतिम योगदान रहा है। पूरे छोटानागपुर में पहली बार अंग्रेजों ने चतरा में फांसी दी है।

दो अक्टूबर 1857 को चतरा में बागी सैनिकों और अंग्रेजी हुकूमत के बीच यहां पर निर्णयक युद्ध हुआ था।

युद्ध में क्रांतिकारी सैनिकों और अंग्रेजी सैनिकों दोनों मारे गए थे। युद्ध के दौरान क्रांतिकारी सैनिक सूबेदार जयमंगल पांडेय और नादिर अली को अंग्रेजी सैनिकों ने बंधक बना लिया था और चार अक्टूबर 1857 को दोनों को शहर के चतरा-बगरा मुख्य मार्ग पर स्थित काली पहाड़ी के समीप अंग्रेजी सरकार ने इजलास लगाया और दोनों को फांसी की सजा सुनाई।

इतिहास के जानकार बताते हैं कि 30 सितंबर को रांची डोरंडा से स्वतंत्रता सेनानी बिहार के बाबू कुंअर की सहायता के लिए कूच किए थे।

लोहरदगा के कुडू और लातेहार के चंदवा एवं बालूमाथ होते हुए चतरा पहुंचे थे। उस समय चतरा का तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर सिंपसन था।

उसे सूचना मिली थी कि क्रांतिकारी सेनानी बिहार के भोजनुपर जा रहे हैं। टुकड़ी का नेतृत्व सूबेदार जयमंगल पांडेय और नादिर अली कर रहे थे।

उस समय शहर की आबादी पूरब में थी। अंग्रेज सैनिक शहर के दक्षिणी-पूर्व की ओर से प्रवेश किए थे।

शहर के निकटवर्ती गांव पाराडीह होते हुए किशुनपुर मोहल्ला और कठौतिया होते हुए जेल के समीप पहुंची।

क्रांतिकारियों की संख्या करीब तीन हजार थी। जबकि अंग्रेजी सैनिकों की संख्या मात्र 320 थी। जेल की पश्चिम छोर पर क्रांतिकारी सैनिक सेमा लगाए हुए थे।

इधर अंग्रेजी सैनिकों की टूकड़ी पहुंच गई। फिर दोनों ओर से जंग शुरू हो गई। क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों के 56 सैनिकों को मारकर स्थानीय कैथोलिक चर्चा के समीप एक कुआं में अस्त्र-शस्त्र के साथ दफन कर दिया था।

सैकड़ों की संख्या में क्रांतिकारियों को अंग्रेजों ने आम के पेड़ों से लटकाकर फांसी दे दिया था।

चतरा की स्थिति

• क्षेत्रफल:- 3706 वर्ग किलोमीटर

• वन क्षेत्रफल:- 47.72 प्रतिशत

• आबादी: 1,042,886

• पुरुष: 5,33,935

• महिला: 5,08,951

• पुलिस स्टेशन:- 15

• जनसंख्या घनत्व:- 280

• लिंगानुपात:- 953

• शिशु लिंगानुपात:- 967

• अनुसूचित जनजाति:- 4.36%

• अनुसूचित जाति:- 32.65%

• अभयारण्य:- लावालौंग अभ्यारण

चतरा के प्रशासकीय / संवैधानिक पद एवं व्यक्ति

• सांसद:- सुनील कुमार सिंह

• चतरा विधायक:- सत्यानंद भोगता (मंत्री, श्रम नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग, झारखंड सरकार)

• सिमरिया विधायक:- किशुन कुमार दास

• जिला जज:- राकेश कुमार सिंह

• उपायुक्त:- अंजली यादव

• पुलिस अधीक्षक:- राकेश रंजन

• उप विकास आयुक्त:- सुनील कुमार सिंह

• चतरा अनुमंडल पदाधिकारी:- मुमताज अंसारी

• सिमरिया अनुमंडल पदाधिकारी:- सुधीर कुमार दास

• चतरा एसडीपीओ:- अविनाश कुमार

• सिमरिया एसडीपीओ:- अशोक प्रियदर्शी

• टंडवा एसडीपीओ:- शंभू सिंह

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