Monday, July 7, 2025

ll वैदिक पंचांग ll

दिनांक – 5 अप्रैल 2024

दिन – शुक्रवार

विक्रम संवत् – 2080

अयन – उत्तरायण

ऋतु – वसंत

मास – चैत्र

पक्ष – कृष्ण

तिथि – एकादशी दोपहर 01:28 तक तत्पश्चात द्वादशी

नक्षत्र – घनिष्ठा शाम 06:07 तक तत्पश्चात शतभिषा

योग – साध्य सुबह 09:56 तक तत्पश्चात शुभ

राहु काल – सुबह 11:18 से दोपहर 12:41 तक

सूर्योदय – 06:29

सूर्यास्त – 06:53

दिशा शूल – पश्चिम दिशा में

ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:56 से 05:43 तक

अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:16 से दोपहर 01:06 तक

निशिता मुहूर्त- रात्रि 00.18 अप्रैल 06 से रात्रि 01.04 अप्रैल 06 तक

व्रत पर्व विवरण- पापमोचनी एकादशी

विशेष –  एकादशी को शिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है।

एकादशी में क्या करें, क्या न करें ?

1. एकादशी को लकड़ी का दातुन तथा पेस्ट का उपयोग न करें । नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और उंगली से कंठ शुद्ध कर लें । वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी वर्जित है, अत: स्वयं गिरे हुए पत्ते का सेवन करें ।

2. स्नानादि कर के गीता पाठ करें, श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें ।

हर एकादशी को श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है ।

राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे ।

सहस्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने ।।

एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से श्री विष्णुसहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l

3. `ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जप करना चाहिए ।

4. चोर, पाखण्डी और दुराचारी मनुष्य से बात नहीं करना चाहिए, यथा संभव मौन रहें ।

5. एकादशी के दिन भूल कर भी चावल नहीं खाना चाहिए न ही किसी को खिलाना चाहिए । इस दिन फलाहार अथवा घर में निकाला हुआ फल का रस अथवा दूध या जल पर रहना लाभदायक है ।

6. व्रत के (दशमी, एकादशी और द्वादशी) – इन तीन दिनों में कांसे के बर्तन, मांस, प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, चने, कोदो (एक प्रकार का धान), शाक, शहद, तेल और अत्यम्बुपान (अधिक जल का सेवन) – इनका सेवन न करें ।

7. फलाहारी को गोभी, गाजर, शलजम, पालक, कुलफा का साग इत्यादि सेवन नहीं करना चाहिए । आम, अंगूर, केला, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करना चाहिए ।

8. जुआ, निद्रा, पान, परायी निन्दा, चुगली, चोरी, हिंसा, मैथुन, क्रोध तथा झूठ, कपटादि अन्य कुकर्मों से नितान्त दूर रहना चाहिए ।

9. भूलवश किसी निन्दक से बात हो जाय तो इस दोष को दूर करने के लिए भगवान सूर्य के दर्शन तथा धूप-दीप से श्रीहरि की पूजा कर क्षमा मांग लेनी चाहिए ।

10. इस दिन बाल नहीं कटायें ।

11. इस दिन यथाशक्ति अन्नदान करें किन्तु स्वयं किसीका दिया हुआ अन्न कदापि ग्रहण न करें ।

12. एकादशी की रात में भगवान विष्णु के आगे जागरण करना चाहिए (जागरण रात्र 1 बजे तक) ।

13. जो श्रीहरि के समीप जागरण करते समय रात में दीपक जलाता है, उसका पुण्य सौ कल्पों में भी नष्ट नहीं होता है ।

इस विधि से व्रत करनेवाला उत्तम फल को प्राप्त करता है ।

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आज का राशिफल 05 अप्रैल 2024 , शुक्रवार

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