Sheikh Hasina:
ढाका, एजेंसियां। बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को मानवता के खिलाफ अपराधों में दोषी ठहराते हुए अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने फांसी की सजा सुनाई है। फैसले के कुछ ही घंटों बाद शेख हसीना ने अपनी पहली प्रतिक्रिया देते हुए इसे “पक्षपातपूर्ण, राजनीति से प्रेरित और एक धांधली से बने न्यायाधिकरण का परिणाम” बताया।
फैसला ‘पक्षपातपूर्ण’ – हसीना का बयान:
शेख हसीना की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया कि यह फैसला एक अनिर्वाचित सरकार द्वारा स्थापित और संचालित न्यायाधिकरण द्वारा सुनाया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस ट्रायल की प्रक्रिया पर भरोसा नहीं किया जा सकता क्योंकि इसे लोकतांत्रिक जनादेश नहीं मिला है। हसीना ने दावा किया कि ICT पूरी तरह एकतरफा है और उसने सिर्फ अवामी लीग नेताओं को निशाना बनाया, जबकि विपक्ष द्वारा की गई कथित हिंसा को नजरअंदाज कर दिया गया।हसीना ने कहा, “मेरे खिलाफ फैसले राजनीति से प्रेरित हैं। इस तथाकथित अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण में न अंतरराष्ट्रीय मानक है और न निष्पक्षता।”
न्यायाधिकरण ने पांच मामलों में दोषी ठहराया:
विशेष न्यायाधिकरण ने सोमवार को शेख हसीना, पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमान खान कमाल और पूर्व आईजीपी चौधरी अब्दुल्ला अल मामून को सभी पांच आरोपों में दोषी पाया। फैसले के बाद बांग्लादेश में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, राजधानी ढाका और कई जिलों में तनाव बढ़ा है। अवामी लीग ने फैसले के विरोध में बंद का ऐलान किया है।
क्या थे आरोप?
अभियोजन पक्ष के अनुसार, हसीना और उनके शीर्ष अधिकारियों ने जुलाई 2023 में छात्र आंदोलन को कुचलने का आदेश दिया था, जिसमें 1400 से अधिक लोग मारे गए। इसके अलावा, प्रदर्शनकारियों की हत्या, यातना, गोलीबारी और आगजनी जैसे मामलों में उनकी भूमिका बताई गई।हसीना और उनकी पार्टी का कहना है कि यह मुकदमे राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा हैं।
आगे की राह कठिन
कानूनी प्रक्रिया के मुताबिक, अपील दायर करने के लिए शेख हसीना को या तो गिरफ्तार होना होगा या आत्मसमर्पण करना होगा। फिलहाल वे भारत में हैं, ऐसे में उनकी अगली राह बेहद चुनौतीपूर्ण मानी जा रही है।



