Vishnu Agarwal:
कोलकाता। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्युनल (एनसीएलटी) कोलकाता ने समर्थ फैबलॉन प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ कॉरपोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) प्रारंभ कर दी है। एनसीएलटी के दो सदस्यीय पीठ (न्यायिक सदस्य बिदिशा बनर्जी और तकनीकी सदस्य सिद्धार्थ मिश्रा) ने 10 सितंबर को सीआईआरपी की प्रक्रिया प्रारंभ करने का आदेश दिया है।
इस आदेश में पीठ ने स्वरूप घोष को इंटरिम रिजोल्युशन प्रोफेशनल नियुक्त किया गया है। साथ ही कहा है कि ट्रिब्युनल के आदेश को पब्लिक एनाउंसमेंट माना जाए। समर्थ के अधिकारी और प्रबंधक एक सप्ताह के भीतर घोष को सारी सारी सूचना और कागजात उपलब्ध कराएं। साथ ही घोष ट्रिब्युनल के आदेश की तिथि से समर्थ का सारा मैनेजमेंट भी देखेंगे। उन्होंने इस पूरी प्रक्रिया के दौरान पुलिस की मदद लेने की भी छूट दी गयी है।
Vishnu Agarwal: यह है मामला
कुशल पॉलिशेक प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक नरेश अग्रवाल और समर्थ फैबलॉन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक विष्णु अग्रवाल हैं। समर्थ फैबलॉन इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) से पॉलिमर ग्रेन्युल्स (अलकतरा) की खरीददारी करता था। समर्थ 2011 से 2024 तक अलकतरा की खरीददारी आईओसीएल से किया। लेकिन, इस खरीददारी के बीच कुशल पॉलिशेक डेल क्रेडर एजेंट था। अर्थात कुशल पॉलिशेक, समर्थ फैबलॉन से पैसा वसूल कर आईओसीएल को जमा करने के लिए अधिकृत था।
इस क्रम में कुशल पॉलिशेक समर्थ फैबलॉन के बदले आईओसीएल को पैसा जमा करता रहा। लेकिन, जब उस पैसे की वह समर्थ से मांग करने लगा तो विवाद बढ़ा। इसको लेकर कुशल पॉलिशेक द्वारा पहले सिविल कोर्ट अलीपुर में दीवानी (मुकदमा संख्या 722, 2023) भी दायर किया गया।
उसमें कुशल पॉलिशेक ने समर्थ फैबलॉन पर ब्याज सहित 18.26 करोड़ के बकाए का दावा किया। इसके बाद 2011 एवं 2018 में दोनों कंपनियों के बीच समझौता भी हुआ। लेकिन समझौते के अनुरूप समर्थ ने कुशल को भुगतान नहीं किया। इसके बाद कुशल पॉलिशेक प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलटी में याचिका दायर की, ताकि समर्थ अपने को दिवालिया घोषित न कर दे। बता दें कि किसी कंपनी के दिवालिया घोषित हो जाने पर उसे भुगतान न करने की छूट मिल जाती है।
Vishnu Agarwal: एनसीएलटी का आदेशः
कुशल पॉलिशेक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए एनसीएलटी ने मुख्य रूप से चार आदेश दिए हैं
-कुशल पॉलिशेक के आवेदन को स्वीकार कर लिया गया
-सीआईआरपी की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी
-स्वरूप घोष को इंटरिम रिजोल्युशन प्रोफेशनल्स नियुक्त किया
-एनसीएलटी के आदेश को पब्लिक एनाउंसमेंट माना जाएगा
-समर्थ के अधिकारी और प्रबंधक एक सप्ताह के भीतर स्वरूप घोष को कंपनी से जुड़ी सारी जानकारी और कागजात उपलब्ध कराएंगे
-जब तक सीआईआरपी जारी रहेगा, समर्थ फैबलॉन प्राइवेट लिमिटेड का मैनेजमेंट स्वरूप घोष देखेंगे
-स्वरूप घोष अपनी जरुरत के अनुसार पुलिस की मदद भी लेंगे
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