झारखंड। झारखंड के 52 मजदूर मलेशिया में फंसे हुए हैं। गिरिडीह के सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी के प्रयास से वापसी का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
मलेशिया में भारत के कुल 61 मजदूर हैं। इनसें से 52 झारखंड के अलग-अलग क्षेत्रों के हैं। सांसद ने बताया कि ये मजदूर जुलाई 2023 से मलेशिया में फंसे हुए थे। अब 11 से 20 दिसंबर के बीच सभी मजदूर अपने घर लौटेंगे।
उन्होंने सोमवार को संसद में नियम 377 के तहत यह मुद्दा उठाया, जिसके बाद भारत सरकार ने मजदूरों की स्थिति पर जानकारी दी। सभी मजदूर कुआलालंपुर स्थित भारतीय दूतावास में सुरक्षित हैं और कानूनी प्रक्रिया पूरी की जा रही है।
विदेश मंत्री से संपर्क कर की गई पहल
सांसद चौधरी ने बताया कि उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर को कई बार पत्र लिखकर और मुलाकात कर मजदूरों की वापसी की मांग की। विदेश मंत्रालय और केंद्र सरकार के अधिकारियों से लगातार संपर्क कर इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया।
झारखंड के चार जिलों के मजदूर शामिल
मलेशिया में फंसे मजदूरों में सबसे ज्यादा 27 मजदूर हजारीबाग के हैं। इसके अलावा गिरिडीह के बगोदर प्रखंड से 7, बोकारो के गोमिया से 18 और हजारीबाग के टाटीझरिया से 16 व विष्णुगढ़ से 11 मजदूर शामिल हैं। बाकी मजदूर ओडिशा, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना के हैं।
भोजन और इलाज की गंभीर समस्या
गोमिया के गणेश कुमार महतो ने बताया कि मलेशिया में स्थिति बेहद खराब है। वेतन नहीं मिल रहा और भोजन के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। बीमार पड़ने पर इलाज कराने वाला भी कोई नहीं है।
लगातार धमकियों के बीच मजदूरों ने अपनी स्थिति सांसद चौधरी तक पहुंचाई। अब भारतीय दूतावास में ठहरे हुए हैं और जल्द देश लौटने की उम्मीद है।
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