नई दिल्ली ,एजेंसियां। अब बैंक, बीमा से लेकर म्यूचुअल फंड और अन्य वित्तीय क्षेत्रों में अब एक ही केवाईसी लागू हो सकता है।
इससे विभिन्न वित्तीय क्षेत्रों के साथ जुड़ते समय बार-बार केवाईसी देने की जरूरत नहीं होगी। वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद यानी एफएसडीसी ने वित्तीय क्षेत्र में एक समान केवाईसी प्रणाली लागू करने का प्रस्ताव दिया है।
अभी ग्राहकों को हर बार बैंक खाता खोलने, म्यूचुअल फंड या स्टॉक में निवेश करने, इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने के लिए बार-बार केवाईसी जमा करना पड़ता है। कई बार अपडेट भी करना होता है।
केंद्र सरकार ने समान केवाईसी नियमों पर सिफारिशों के लिए वित्त सचिव टीवी सोमनाथन के तहत एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है।
इस प्रक्रिया के लागू होने से कागजी कार्रवाई, समय और लागत को कम करने में मदद मिलेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में एफएसडीसी ने ग्राहकों को सत्यापित करने के लिए एक समान केवाईसी लाने और इसकी प्रक्रिया के डिजिटलीकरण को सरल बनाने का प्रस्ताव रखा गया था।
नई प्रक्रिया के तहत एक बार केवाईसी दस्तावेज पंजीकृत हो जाने के बाद आपको एक सीकेवाईसी पहचानकर्ता मिलेगा।
यह आईडी प्रमाण के साथ 14 अंकों का नंबर होगा। जब आप किसी और जगह खाता खोलने या निवेश करने जाएंगे तो इस नंबर का उपयोग करके सेंट्रल केवाईसी रिकॉर्ड्स रजिस्ट्री (सीकेवाईसी) से आपका केवाईसी विवरण ले लिया जाएगा।
यदि ग्राहक का केवाईसी रिकॉर्ड पहले से ही सीकेवाईसीआरआर के साथ पंजीकृत है, तो केवाईसी प्रक्रिया की जरूरत नहीं होगी।
मान लीजिए कि कोई निवेशक बचत खाता खोलना चाहता है। म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहता है। बीमा पॉलिसी खरीदना चाहता है।
बैंक, म्यूचुअल फंड और बीमा कंपनी को अलग-अलग केवाईसी दस्तावेज जमा करने के बजाय, निवेशक को केवल एक बार सीकेवाईसीआर से जुड़े केवाईसी विवरण देना होगा।
इसे आपस में सभी वित्तीय क्षेत्र साझा करके प्रक्रिया पूरी कर लेंगे।
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