Dhanteras 2025:
नई दिल्ली, एजेंसियां। धनतेरस, जिसे धनत्रयोदशी भी कहा जाता है, दीपावली के पांच दिवसीय उत्सव का पहला दिन है। यह पर्व आयुर्वेद के जनक और स्वास्थ्य के देवता भगवान धन्वंतरि को समर्पित है। समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए धन्वंतरि को रोग निवारण, स्वास्थ्य और दीर्घायु का प्रतीक माना जाता है। इस दिन उनकी पूजा और आराधना से घर में समृद्धि, स्वास्थ्य और सुख-शांति आती है।2025 में धनतेरस 18 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। इस अवसर पर भारत के कई प्रसिद्ध धन्वंतरि मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बनते हैं।
प्रमुख धन्वंतरि मंदिर:
वेल्लनकन्नी, तमिलनाडु – समुद्र किनारे स्थित यह मंदिर दक्षिण भारत के प्रमुख धन्वंतरि मंदिरों में गिना जाता है। यहाँ भक्त तुलसी पत्ती और आयुर्वेदिक औषधियों के साथ दीर्घायु की कामना करते हैं।
गुरुवायूर, केरल – श्रीकृष्ण मंदिर के निकट स्थित यह मंदिर रोगों से मुक्ति की प्रार्थना करने वालों के लिए आस्था का केंद्र है। यहाँ धन्वंतरि होमम का आयोजन किया जाता है।
वाराणसी, उत्तर प्रदेश – काशी नगरी का यह प्राचीन मंदिर आयुर्वेद और चिकित्साशास्त्र से जुड़े विद्यार्थियों और चिकित्सकों के लिए विशेष महत्व रखता है।
द्वारका, गुजरात – भगवान श्रीकृष्ण की नगरी में स्थित यह मंदिर धार्मिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र है। धनतेरस पर यहाँ “आरोग्य आरती” और दीपदान का आयोजन होता है।
बेंगलुरु, कर्नाटक – इस मंदिर में भक्त धन्वंतरि मंत्र का जाप करके स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हैं। परिसर में आयुर्वेदिक औषधियों का वितरण भी किया जाता है।
धनतेरस पर इन मंदिरों में दर्शन करने से न केवल स्वास्थ्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है, बल्कि मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा भी मिलती है। भगवान धन्वंतरि की पूजा से वर्षभर रोग और कष्टों से मुक्ति मिलती है।
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