Navratri 2025:
नई दिल्ली, एजेंसियां। शारदीय नवरात्रि 2025 में कन्या पूजन का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन कन्याओं में देवी के नौ स्वरूपों की पूजा करने से सभी तीर्थों और करोड़ों यज्ञों का फल प्राप्त होता है तथा माँ दुर्गा का विशेष आशीर्वाद मिलता है।
कब करें कन्या पूजन?
भक्त अपनी सुविधा अनुसार अष्टमी या नवमी को घर में कन्याओं को आमंत्रित कर उनका पूजन कर सकते हैं। इस दिन छोटी कन्याओं को देवी के स्वरूप मानकर विधि-विधान से पूजा किया जाता है। उनके पांव पखारे जाते हैं, भोजन कराया जाता है और दक्षिणा दी जाती है। ऐसा करने से सभी तीर्थों और करोड़ों यज्ञों से श्रेष्ठ माना जाता है ।
शास्त्रों के अनुसार:
शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि में 2 से 10 वर्ष की कन्याओं को देवी के नौ स्वरूप कुमारी, त्रिमूर्ति, कल्याणी, रोहिणी, कालिका, चण्डिका, शाम्भवी, दुर्गा और सुभद्रा के रूप में पूजनीय माना गया।
पूजन विधि और आध्यात्मिक महत्व
पहले पांव धोकर उनका स्वागत करें। देवी रूप मानकर श्रद्धा से अर्चना करें। सुस्वादु भोजन कराएं और दक्षिणा अर्पित करें। आदरपूर्वक विदा करें।
कुमारी पूजन केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि माँ दुर्गा के सभी रूपों का सजीव अनुभव कराने वाला महान आध्यात्मिक साधन है।
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