India’s art respected abroad:
निकोसिया, एजेंसियां। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यूरोप दौरे के तहत क्रोएशिया यात्रा के दौरान उन्होंने भारतीय संस्कृति और पारंपरिक कलाओं का प्रतिनिधित्व करते हुए वहां के राष्ट्राध्यक्षों को खास उपहार भेंट किए। क्रोएशिया के राष्ट्रपति जोरान मिलनोविच को प्रधानमंत्री मोदी ने ओडिशा की पारंपरिक पट्टचित्र पेंटिंग भेंट की, जबकि प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेंकोविच को राजस्थान की प्रसिद्ध धातु शिल्पकला से बना सिल्वर कैंडल स्टैंड उपहार में दिया।
India’s art respected abroad:क्या है पट्टचित्र ?
पट्टचित्र ओडिशा की एक पारंपरिक चित्रकला है, जो कपड़े (पट्टा) पर प्राकृतिक रंगों और हस्तनिर्मित ब्रशों से बनाई जाती है। यह कला प्राचीन काल से भगवान जगन्नाथ, भगवान कृष्ण, रामायण और महाभारत जैसे पौराणिक विषयों को बेहद खूबसूरती और विस्तार से चित्रित करती है। इसकी विशेषता है बोल्ड लाइनों का प्रयोग, जीवंत रंग और बारीक डिटेलिंग, जो इसे वैश्विक स्तर पर खास बनाती है।
वहीं, राजस्थान का सिल्वर कैंडल स्टैंड राज्य की समृद्ध धातुकला परंपरा का प्रतीक है। इसे कुशल कारीगरों द्वारा हस्तनिर्मित किया गया है, जिसमें पुष्प और ज्यामितीय डिजाइनों की बारीक नक्काशी है। यह शिल्पकला मुख्य रूप से उदयपुर और जयपुर जैसे शहरों में विकसित हुई है और इसकी डिज़ाइन शैली महलों, मंदिरों और शाही स्थापत्य से प्रेरित होती है।
India’s art respected abroad:भारतीय हस्तशिल्प को मिला अंतरराष्ट्रीय पहचान
इससे पहले साइप्रस यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने वहां के राष्ट्रपति को कश्मीरी रेशमी कालीन भेंट किया था, जो दो रंगों वाला, परंपरागत बेल-बूटों और ज्यामितीय आकृतियों से सजा हुआ एक अत्यंत खूबसूरत कालीन था। इन उपहारों के माध्यम से पीएम मोदी ने न केवल भारत की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाया, बल्कि भारतीय हस्तशिल्प को अंतरराष्ट्रीय पहचान भी दिलाई।
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