रांची। अफ्रीका के कैमरून में फंसे मजदूर घर लौट आए हैं। सोमवार को सभी मजदूर अपने घर पहुंच गए। वतन वापसी पर मजदूर उत्साहित दिखे।
वापस लौटे मजदूरों ने वतन वापसी के लिए सरकार के साथ-साथ मीडिया का आभार जताया। बताते चलें कि कैमरून में झारखंड के 27 प्रवासी मजदूर फंसे हुए थे। जिसमें गिरिडीह जिले के चार समेत बोकारो और हजारीबाग जिले के विभिन्न प्रखंडों के मजदूर शामिल थे।
4 माह से नहीं मिला पैसा
फंसे मजदूरों ने करीब 1 सप्ताह पहले एक वीडियो जारी कर सरकार से मदद की गुहार लगाई थी।
जारी वीडियों में मजदूरों ने परेशानी जाहिर करते हुए कहा है कि पिछले 4 माह से उनको कंपनी द्वारा भुगतान नहीं किया जा रहा है।
बताया कि उनके पास न खाने के लिए पैसा है न अनाज। वे लोग अपने परिजनों से बात भी नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि उनके पास मोबाइल रिचार्ज कराने के लिए भी पैसे नहीं हैं। कहा कि उनके सामने जीवन-मरण का सवाल खड़ा हो गया है।
मजदूरों ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर अपनी दुर्दशा बताई है और सरकार से वतन वापसी की गुहार लगाई थी।
साथ ही उन्होंने बकाया वेतन के भुगतान की मांग भी की थी। श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने संज्ञान लिया और माइग्रेंट सेल को अविलंब कार्रवाई करने को कहा।
ये लोग फंसे थे
इन मजदूरों में गिरिडीह जिले के सरिया थाना क्षेत्र के चिचाकी निवासी शुकर महतो, डुमरी थाना क्षेत्र के अतकी निवासी रमेश महतो, विजय कुमार महतो, दुधपनिया के दौलत महतो, विष्णुगढ़ थाना क्षेत्र के अचलजामू के बिशुन प्रसाद, खरना के छत्रधारी महतो, भीखन महतो, जोबार के टेकलाल महतो, चानो के चिंतामन महतो, मोहन महतो, बोकारो जिले के नवाडीह प्रखंड के कडरूखुंटा निवासी जगदीश महतो, गोविंद महतो, डेगलाल महतो, चुरामन महतो और 27 अन्य शामिल हैं। सभी मजदूरों की एक साथ वापसी हुई है।
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