रांची। झारखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार के बाद इन दिनों पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता चंपई सोरेन और सीता सोरेन चर्चा में हैं। दोनों नेताओं को लेकर कई तरह की अटकलें लग रही है, कहा जा रहा है कि दोनों नेताओं की घर वापसी हो सकती है यानी दोनों एक बार फिर झारखंड मुक्ति मोर्चा में लौट सकते हैं।
JMM का सीता और चंपई सोरेन के लिए नरम रुखः
इस बारे में जब झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि चंपई सोरेन को पार्टी में अभिभावक के दृष्टिकोण से हम लोग देखते हैं, जबकि सीता भाभी तो परिवार की सदस्य है।
हालांकि, दोनों नेताओं को लेकर फैसला पार्टी के नेतृत्व को लेना है, हेमंत सोरेन जी को लेना है,गुरु जी को लेना है। दोनों नेताओं के मन में क्या है यह भी अब तक सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आया है, फिलहाल इंतजार करते हैं।
लेकिन, उन्होंने एक बड़ी बात कह दी कि भारतीय जनता पार्टी में ना कोई नियत है, ना नीति है, ना कोई नेता है , सिर्फ उनका काम धार्मिक उन्माद फैलाना रह गया है वैसी पार्टी में, या वैसी जगह पर कोई एक सिद्धांत वाला व्यक्ति मसलन चंपई और सीता, झारखंड के हित में सोचने वाला व्यक्ति, उस दल में ज्यादा दिन तक रह पाएगा?
हालांकि, दोनों नेताओं को लेकर अगर कोई फैसला लेना होगा तो इसके लिए गुरुजी और हेमंत सोरेन जी अधिकृत हैं।
सीता सोरेन BJP की बैठक में नहीं हुई शामिलः
30 नवंबर और 1 दिसंबर को विधानसभा चुनाव में मिली हार और खराब परफॉर्मेंस को लेकर बीजेपी की समीक्षा बैठक हुई। बैठक में स्वयं बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष मौजूद रहे। इसमें सभी हारे हुए प्रत्याशी शामिल हुए थे, लेकिन सीता सोरेन बैठक से नदारत रही, इसके बाद ही उन्हें लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं।
सीता सोरेन के बैठक में नहीं पहुंचने के सवाल पर बीजेपी के राज्य सभा सांसद प्रदीप वर्मा ने कहा कि कुछ लोग पर्सनल कार्यों के कारण बैठक में शामिल नहीं हो सके, इसमें कुछ गलत नहीं है।
पहले भी विधायक दल की बैठक होती है तो कुछ लोग बैठक में नहीं पहुंच पाते हैं। वहीं, सीता सोरेन की नाराजगी के सवाल पर उन्होंने कहा कि कहीं कोई नाराजगी नहीं है।
सीता सोरेन ने क्या कहा?
हालांकि, इस बारे में जब सीता सोरेन से जुड़े हुए लोगों से बात की गई, तो पता चला कि वह अपने निजी काम से दिल्ली में हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा में वापसी के सवाल पर उनका कहना है कि यह सब मीडिया में चल रहा है, इसमें कोई सच्चाई नहीं है।
झामुमो भी कर रहा विचारः
इधर, दूसरी चर्चा यह भी है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा अपने उन नेताओं को वापस पार्टी में शामिल करने पर विचार कर सकती है जो पार्टी छोड़ चुके हैं। ऐसे में दिग्गज नेता कोल्हान टाइगर चंपई सोरेन, लोबिन हेम्ब्रम और सीता सोरेन के नाम पर चर्चा शुरू हो गई है।
हालांकि, समीक्षा बैठक में शामिल होने पहुचें झारखंड मुक्ति मोर्चा के पूर्व नेता लोबिन हेम्ब्रम ने स्पष्ट कहा था कि वह झारखंड मुक्ति मोर्चा में वापस नहीं जा रहे हैं, ऐसी चर्चा बेबुनियाद है।
बहरहाल, राजनीति में कभी कोई चर्चा ऐसे ही नहीं होती। यहां कोई दोस्ती या दुश्मनी भी स्थाई नहीं होती। जल्द इस मामले की सच्चाई भी सामने आ ही जायेगी।
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