जम्मू-कश्मीर, एजेंसियां। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में शुक्रवार को पांचवें और सत्र के अंतिम दिन भी अनुच्छेद 370 और 35 -ए को लेकर सदन में गरमा -गर्मी देखने को मिला। इतना ही नही प्रस्ताव को लेकर हंगामा, हाथापाई और शोर-शराबा देखने को मिला।
दरअसल शुक्रवार को जब सदन का सत्र शुरू हुआ, तो बीजेपी के विधायकों ने आर्टिकल 370 का प्रस्ताव पास किए जाने के विरोध में सदन में हंगामा शुरू किया और प्रस्ताव को वापस लेने को लेकर नारेबाज़ी करने लगे।
हंगामा इतना बढ़ा कि सदन के स्पीकर ने हंगामा करने वाले विधायकों को मार्शल के ज़रिए सदन से बाहर निकाला। केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू-कश्मीर विधानसभा का ये पहला सत्र था।
हंगामा कैसे शुरू हुआ?
सत्र के पहले दिन यानी इस सोमवार को ही सदन में हंगामा शुरू हुआ, जब पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के विधायक वहीद उर रहमान पारा ने सदन में आर्टिकल 370 की बहाली पर प्रस्ताव पेश किया।
पारा के प्रस्ताव पर नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के विधायकों और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने ये कहकर उस प्रस्ताव का विरोध किया कि ‘ये सब कुछ सियासत करने के लिए किया जा रहा है।’
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने कहा, “जो प्रस्ताव लाया गया, उसकी कोई अहमियत नहीं है. ये सिर्फ़ कैमरों के लिए है. अगर इसका कोई मकसद होता तो इस प्रस्ताव को हमारे साथ साझा करके इस पर चर्चा की गई होती।”
वहीं, पीडीपी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने सोशल साइट एक्स पर वहीद उर रहमान पारा को शाबाशी देते हुए लिखा- “मुझे वहीद पारा पर गर्व है कि उन्होंने जम्मू कश्मीर विधानसभा में आर्टिकल 370 को ख़त्म करने के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पेश किया।”
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