10 दिन में 8 मैच, औसत स्कोर 105 रन
न्यूयार्क, एजेंसियां। 5 मैच, 10 पारियां और औसत स्कोर महज 105 रन। यह हाल है टी-20 वर्ल्ड कप होस्ट कर रहे न्यूयॉर्क के नसाउ काउंटी स्टेडियम की पिचों का।
यहीं रविवार को भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ महज 119 रन बनाने के बावजूद 6 रन से मैच जीत लिया।
न्यूयॉर्क में अब तक गेंदबाजों को बहुत ज्यादा मदद और बैटर्स के लिए खतरनाक उछाल देखने को मिली है।
IPL में बन रहे थे औसतन प्रति मैच 180 रन
अब न्यूयॉर्क के आंकड़ों को मई में खत्म हुए IPL से तुलना कीजिए। IPL के पिछले सीजन में हर पारी में औसतन 180 रन बन रहे थे।
बड़ा सवाल है कि न्यूयॉर्क की पिचें बल्लेबाजों के लिए कब्रगाह क्यों साबित हो रही है?
तैयारी के लिए वक्त कम मिला
न्यूयॉर्क के नसाउ स्टेडियम में ड्रॉप-इन पिच लगाई गई है। जिसे 5 महीने पहले ही ऑस्ट्रेलिया से अमेरिका लाया गया।
पिच फ्लोरिडा में रखी गई और अप्रैल में ही न्यूयॉर्क पहुंची। ड्रॉप-इन पिच को बनने से लेकर मैच के लिए रेडी होने में करीब 9 महीने लगते हैं।
जहां इसका इस्तेमाल होना है, वहां भी 3 से 4 महीने का वक्त चाहिए होता है।
गेंदबाजों को मिल रही असमान उछाल
नसाउ में पिच पर ठीक से रोलिंग और मैंटेनेंस का टाइम कम मिला, इसलिए पिच पूरी तरह तैयार नहीं है।
तैयार नहीं होने के बावजूद यहां वर्ल्ड कप मैच शुरू हो गए, जिसका नतीजा सबके सामने है।
गेंदबाजों को असमान उछाल मिल रही है, बल्लेबाजों को परेशानी हो रही है, जिस कारण स्कोरिंग रेट भी तेजी से गिर गया।
असमान बाउंस की वजह क्या है?
चीफ पिच क्यूरेटर डैमियन हॉग के अनुसार नसाउ में पिच के कई हिस्सों पर घास उगी हुई है। घास को सेटल होने का टाइम नहीं मिला, इससे ही असमान उछाल देखने को मिल रहा है।
न्यूयॉर्क के ठंडे मौसम के कारण भी यहां गेंदबाजों को ज्यादा मदद मिल रही है। सुबह हो रहे मैच के कारण पिच पर नमी रहती है, इससे बॉल का मूवमेंट बहुत ज्यादा है।
भारत-पाकिस्तान मैच से पहले घास को काटा गया, इससे पिच पर असमान उछाल कम देखने को मिला। इसके बावजूद शॉट मेकिंग में परेशानी बनी रही।
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