मुंबई, एजेंसियां। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और वरीय बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि मैंने शीर्ष नेतृत्व से मुझे सरकारी जिम्मेदारियों से मुक्त करने की अपील की है।
उन्होंने कहा कि मैं सरकार में अपनी जिम्मेदारियों से मुक्त होकर पार्टी संगठन में मेहनत करना चाहता हूं, ताकि आगामी चुनावों के लिए चीजें ठीक कर सकूं।
देवेंद्र फडणवीस ने यह भी कहा है कि मैं महाराष्ट्र में बीजेपी के कमजोर प्रदर्शन की पूरी जिम्मेदारी लेता हूं। मैं यहां पार्टी का नेतृत्व कर रहा था।
महाराष्ट्र में बीजेपी को लगा बड़ा झटका
बता दें कि महाराष्ट्र में 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने 48 में से 23 सीटों पर जीत हासिल की थी।
तब सहयोगी शिवसेना को भी 18 सीटों पर जीत मिली थी। एनसीपी 4 और कांग्रेस ने 1 सीट जीती थी।
1 सीट अन्य के खाते में गई थी। 2019 में 23 सीटें जीतने वाली बीजेपी इस बार महाराष्ट्र में महज 9 सीटों पर सिमट गई है।
8 सीटों के फायदे के साथ कांग्रेस ने 9 सीटों पर जीत दर्ज की है। शिवसेना (उद्धव ठाकरे) ने 9 सीटों पर जीत हासिल की।
शिवसेना (शिंदे) को महज 7 सीटें मिली। एनसीपी (अजीत पवार) को 1 तो वहीं एनसीपी (शरद पवार) 8 सीटें जीतने में सफल रहे।
1 सीट निर्दलीय के खाते में गयी है। कुल मिलाकर इंडिया गठबंधन ने 48 में से 30 सीटों पर कब्जा जमाया है। जबकि महाराष्ट्र को लेकर बीजेपी आश्वस्त चल रही थी।
शिवसेना में फूट का बीजेपी को नुकसान
बताया जाता है कि यहां शिवसेना में फूट का ठीकरा बीजेपी के सिर फूटा। यहां विधानसभा चुनावों में शिवेसना-बीजेपी गठबंधन ने बहुमत हासिल किया था, लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर गठबंधन टूट गया।
तब शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने मिलकर महाविकास अघाड़ी गठबंधन नाम से सरकार बनाई।
हालांकि, बाद में शिवसेना 2 भागों में टूटी। एकनाथ शिंदे विधायकों को लेकर बीजेपी में शामिल हो गये।
बाद में अजीत पवार भी एनसीपी के कई विधायकों को लेकर बीजेपी में शामिल हुये और उपमुख्यमंत्री बने।
कहा जाता है कि इस तोड़-फोड़ का नुकसान भारतीय जनता पार्टी को हुआ जिसका खामियाजा भुगतना पड़ा।
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