इस्लामाबाद। पाकिस्तान में किसकी सरकार है। आज यह सबसे बड़ा सवाल है। तीन दिन पहले गुरुवार को हुए आम चुनाव के बाद अब तक वोटों की गिनती पूरी नहीं हो सकी है। अब तक प्राप्त रूझान से स्पष्ट है कि यहां किसी को बहुमत नहीं मिलने जा रहा।
अब तक के नतीजों में जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) और तीन बार के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों के बीच कड़ा मुकाबला है। वहीं, बिलावल भुट्टो जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) तीसरे स्थान पर है।
नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद की रेस में सबसे आगे माना जा रहा है। पर इमरान खान की पीटीआई की परफार्मेंस ने दुविधा खड़ी कर दी है। प्राप्त नतीजों से स्पष्ट है कि नवाज शरीफ की पार्टी अकेले दम पर सरकार नहीं बना सकती।
उसे अब गठबंधन की तलाश है। नवाज शरीफ की पहली पसंद निश्चित रूप से पीपीपी होगी, जो पिछली पीएमएल-एन के नेतृत्व वाली पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट गठबंधन सरकार में एक प्रमुख भागीदार थी।
परंतु पीपीपी नेता बिलावल भुट्टो-जरदारी ने चुनाव प्रचार के दौरान शरीफ की कड़ी आलोचना कर दूरी बना ली है। पाकिस्तान के राजनीति विशेषज्ञों के मुताबिक बिलावल और नवाज शरीफ के बीच बढ़ी दूरी को देखते हुए लगता है कि गठबंधन मुश्किल है।
पर राजनीति में कुछ भी कहा नहीं जा सकता। दोनों पार्टियां व्यावहारिक हैं और विकल्प पर विचार कर सकती हैं। बता दें कि बिलावल ने आरोप लगाया था कि नवाज शरीफ ने अपने पिछले तीन कार्यकालों के दौरान जनविरोधी कार्य किये।
उन्होंने यह भी कहा था कि वह किसी भी कीमत पर नवाज शरीफ के साथ गठबंधन नहीं करेंगे। इन हालात में पाकिस्तान में अब संवैधैनिक संकट पैदा हो गया है।
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