GenZ divided:
काठमांडू, एजेंसियां। बीते गुरुवार को काठमांडू में आर्मी हेडक्वार्टर पर नेपाली सेना और GenZ प्रदर्शनकारियों के बीच दूसरे दौर की बातचीत होनी थी। इसी में अंतरिम सरकार के मुखिया का नाम तय होना था। एक के बाद एक GenZ ग्रुप्स आर्मी हेडक्वार्टर पहुंचने लगे। तभी इनमें से कुछ गुटों के बीच बहस शुरू हो गई। देखते ही देखते मारपीट की नौबत आ गई और प्रदर्शनकारी एक-दूसरे पर टूट पड़े।
नेपाल में तख्तापलट हुए 3 दिन बीत चुके हैं। अब भी तय नहीं हो सका है कि नेपाल की अंतरिम सरकार का मुखिया कौन होगा और सरकार का स्वरूप क्या होगा। GenZ करीब 10 अलग-अलग गुटों में बंटे हुए हैं। सबकी अपनी दावेदारियां हैं। कुछ गुटों का आरोप है कि सेना ने बातचीत के लिए बुलाया, लेकिन हेडक्वार्टर के अंदर नहीं जाने दिया।
GenZ divided: सेना मुश्किल में किससे करे बातः
कुछ इस बात से नाराज हैं कि सेना ने बातचीत में राजनीतिक पार्टियों को क्यों बुला लिया। वहीं, सेना के लिए ये तय करना मुश्किल हो गया है कि वो प्रदर्शनकारियों के इतने गुटों में से किससे बात करे।
GenZ प्रदर्शनकारियों के सभी गुट सिर्फ काठमांडू के मेयर बालेन शाह के नाम पर एकमत हैं, लेकिन बालेन खुद मुखिया नहीं बनना चाहते। वहीं नेपाल की पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की का नाम प्रधानमंत्री पद के लिए बढ़ाया गया था, लेकिन सहमति नहीं बनी, क्योंकि GenZ युवा PM चाहते हैं।
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