3 चेहरों पर टिकी सभी की निगाहें
रांची। मोदी 3.0 का कल शपथ ग्रहण होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही कई मंत्री भी शपथ लेंगे।
कुछ बड़े नामों के बारे में तो कयास लगा रहे हैं कि उनका तो मंत्री बनना तय है। पर झारखंड के लोगों का सबसे बड़ा सवाल है कि उनके राज्य से कौन..।
अर्जुन मुंडा मोदी की पिछली कैबिनेट में मंत्री थे, वो अब चुनाव हार चुके हैं। अन्नपूर्णा देवी राज्य मंत्री थीं, क्या अब उनका प्रमोशन होगा या डिमोशन ये सब बातें झारखंड के लोगों के मन में चल रही हैं।
झारखंड के किन सांसदों को मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी ?आज यह बड़ा सवाल है। नरेंद्र मोदी की सरकार गठन के बाद अब मंत्रिमंडल के बंटवारे को लेकर ये चर्चा तेज हो गई है। तो आपको बता दें कि झारखंड से ऐसे कई नाम है जिनकी मंत्री बनने की चर्चा है।
आजसू के चंद्रप्रकाश चौधरी के साथ ऐसे पांच नाम हैं जो चर्चा में हैं। यह पांचों मोदी कैबिनेट की की रेस में है। जानकारी के अनुसार इन पांच नामों में से फिलहाल किसी पर अब तक सहमति नहीं बनी है।
चर्चा है कि पहले एक नाम तय होगा। इसके कुछ महीनों बाद दूसरे की घोषणा हो सकती है। एक साथ झारखंड से दो नाम नहीं होंगे। इसमें थोड़ा समय लग सकता है, क्योंकि इस बार गठबंधन की महत्ता अधिक है। गठबंधन में मंत्री पद के कई दावेदार हैं।
आजसू रेस में
झारखंड में एनडीए का गठबंधन सिर्फ आजसू से है। एक सीट आजसू के हिस्से थी। गिरिडीह से दूसरी बार चंद्रप्रकाश चौधरी ने जीत कर सांसद बने हैं।
आजसू को पिछली बार मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली थी और इस बार भी संभावना कम है। बावजूद इसके आजसू ने अपना दावा बुलंद कर रखा है।
ऐसे में यदि गठबंधन कोटे से चंद्रप्रकाश चौधरी मंत्री बन जायें, आश्चर्य नहीं होगा। आजसू को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री गठबंधन को और मजबूत करने के लिए बेहतर फैसला लेंगे।
आजसू को उम्मीद है कि उन्हें इस बार जगह मिलेगी । इसे लेकर आजसू के केंद्रीय मुख्य प्रवक्ता डॉ. देवशरण भगत ने कहा, कि एनडीए मजबूत हो, हम भविष्य में और बेहतर प्रदर्शन कर सकें इसे ध्यान में रखकर ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फैसला लेंगे। हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र ने मोदी और नेतृत्व पर पूरा भरोसा है।
प्रबल दावेदार हैं अन्नपूर्णा देवी
कोडरमा से सांसद अन्नपूर्णा देवी का नाम फिलहाल सबसे आगे चल रहा है। इसकी दो बड़ी वजह है, पहली यह कि पिछले कार्यकाल में उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा मिला था।
उनके प्रदर्शन से मोदी सरकार खुश है और उन्हें प्रमोट कर सकती है और कैबिनेट में जगह मिल सकती है। इसकी दूसरी बड़ी वजह है ओबीसी वोट बैंक।
अन्नपूर्णा के जरिए ओबीसी वोट बैंक साध सकते हैं
झारखंड में बड़ी संख्या ओबीसी की है। अगर कैबिनेट में अन्नपूर्णा देवी को जगह मिलती है,, तो ओबीसी वोट बैंक साधने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
केंद्रीय कैबिनेट में महिलाओं की उपस्थिति अनिवार्य है। इस अनिवार्यता को भी अन्नपूर्णा देवी पूरा कर रही है।
अर्जुन मुंडा की हार के बाद भाजपा के पास झारखंड में कोई चेहरा नहीं है ऐसे में अन्नपूर्णा एक बेहतर विकल्प हो सकती हैं।
दो नेताओं के प्रोफाइल मंगाने की चर्चा
झारखंड की राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज है कि राज्य से दो नेताओं की प्रोफाइल मंगवाई गई है।
उनके राजनीतिक सफर, वोट बैंक पर उनकी पकड़ और भविष्य में उनके मंत्री बनने का पार्टी या राज्य की राजनीति को कितना लाभ मिलेगा पार्टी इसका आंकलन करेगी।
भाजपा से जुड़े सूत्रों की माने तो रांची के सांसद संजय सेठ औऱ जमशदेपुर से सांसद विद्युत वरण महतो की प्रोफाइल दिल्ली मंगाई गई है।
इसके बाद से ही मोदी के संभावित मंत्रिमंडल में इन दोनों के नाम की भी चर्चा तेज है।
संजय सेठ ने दूसरी बार जीत हासिल की है, जबकि विद्युत वरण महतो ने तीसरी बार इस लोकसभा सीट को अपने नाम किया है। ऐसे में यह भी एक प्रबल दावेदार के रूप में सामने हैं।
निशिकांत दुबे हैं छुपे रूस्तम
गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने चौथी बार गोड्डा लोकसभा सीट से जीत हासिल की है। निशिकांत तेज तर्रार नेता है।
केंद्र में कई अहम मुद्दों को उठाते हैं और सुर्खियों में बने रहते हैं। केद्रीय नेतृत्व में उनकी अच्छी पकड़ भी है।
निशिकांत एक प्रबल दावेदार हैं,, लेकिन विवादों में रहने की वजह से इनके नाम पर कुछ लोगों की असहमति है।
निशिकांत एक बड़े दावेदार और कुशल वक्ता है। सदन में कई अहम मुद्दों को उठाते रहे हैं, ऐसे में झारखंड से मंत्रिमंडल में इन्हें जगह मिल सकती है।
बहरहाल अब से 24 घंटे में तस्वीर साफ हो जायेगी कि झारखंड से वो चेहरा कौन होगा, जो कल पीएम मोदी के साथ मंत्री पद की शपथ लेगा।
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