रांची। इसी साल हुए लोकसभा चुनाव के दौरान झारखंड में झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति के कैमियो ने सबको चौंका दिया। झारखंड में बीजेपी-जेएमएम और कांग्रेस के बाद सबसे अधिक वोट लाने वाली यह पार्टी आज चर्चा के केंद्र में है।
झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति (जेबीकेएसएस) को भी जल्द ही राजनीतिक दल के रूप में मान्यता मिलने वाली है। पार्टी के संस्थापक जयराम महतो की युवाओं और छात्रों में खासी पकड़ है।
झारखंड में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर जयराम महतो ने कमर कस ली है। इस पार्टी ने 55 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर बीजेपी, जेएमएम, कांग्रेस और आजसू तक की नींद उड़ा दी है।
दरअसल जयराम महतो भी कुर्मी समाज से आते हैं और इनकी समाज में अच्छी पकड़ भी है। यही कारण है दूसरे राजनीतिक दल जेबीकेएसएस को लेकर सतर्क हैं। जाहिर है, ऐसे में तमाम दलों की चाहत होगी कि जयराम महतो का समर्थन उन्हें ही मिले, सिर्फ आजसू को छोड़कर, क्योंकि आजसू के भी कैडर वोटरों में कुर्मियों की संख्या ज्यादा है।
आजसू के बड़े नेता सुदेश महतो और चंद्रप्रकाश चौधरी भी इसी समाज से आते हैं। इसलिए जयराम महतो के उभार से आजसू ज्यादा सशंकित है। एनडीए में आजसू बीजेपी की सहयोगी भी है।
इधर, बीजेपी की नजरें जयराम महतो पर ललचाई हुई है। इसका खुलासा किसी ओर ने नहीं, बल्कि खुद जयराम महतो ने ही कर दिया है।
जयराम महतो की पार्टी जेबीकेएसएस को राजनीतिक दल के रूप में मान्यता मिलने के साथ ही एक बड़ी राष्ट्रीय पार्टी से तालमेल कर चुनाव लड़ने का ऑफर मिला है।
जेबीकेएसएस ने 28 जुलाई को पार्टी पदाधिकारियों और वरिष्ठ नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है, जिसमें आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति पर चर्चा होगी।
साथ ही इसमें तालमेल पर भी विचार विमर्श किया जायेगा। जैसे-जैसे जेबीकेएसएस के संगठन का विस्तार हो रहा है, एनडीए में शामिल आजसू पार्टी की चिंता बढ़ती जा रही है। जयराम महतो की पार्टी जेएमएम-कांग्रेस और अन्य दलों को भी चुनौती देने के लिए तैयार है।
जयराम महतो को की गई ये पेशकश
जेबीकेएसएस प्रमुख जयराम महतो ने बीते दिनों सिल्ली में थे। 28 जुलाई की बैठक की तैयारियों को लेकर यहां पहुंचे जयराम महतो ने खुलासा किया कि एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल की ओर से उन्हें ऑफर मिला है।
उन्होंने बताया कि एक राजनीतिक दल के संगठन महामंत्री की ओर से उन्हें तालमेल कर सात-आठ सीटों पर चुनाव लड़ने का ऑफर दिया गया है। इसके एवज में चुनाव प्रचार के लिए हेलीकॉप्टर और अन्य खर्च उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया गया।
साथ ही विधानसभा चुनाव में जीत मिलने और सरकार गठन होने पर दो मंत्री पद का भी ऑफर दिया गया है। हालांकि जयराम महतो ने ऑफर देने वाले राजनीतिक दल के नाम का खुलासा नहीं किया, लेकिन राजनीतिक जानकारों का मानना है कि जयराम महतो ने अपने वक्तव्य में संगठन महामंत्री का जिक्र किया है, इस तरह का पद कांग्रेस या जेएमएम-आजसू पार्टी में नहीं है।
इसलिए उनका साफ इशारा बीजेपी की तरफ ही है। दूसरी तरफ बीजेपी के भी किसी नेता की ओर से फिलहाल जयराम महतो की पार्टी के साथ तालमेल को लेकर बात करने की किसी तरह की जानकारी नहीं दी गई है।
जल्द तय हो जायेंगे उम्मीदवार
जेबीकेएसएस प्रमुख जयराम महतो ने 28 जुलाई को पार्टी के सभी जिला अध्यक्षों और केंद्रीय कमेटी के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है। पार्टी के केंद्रीय संगठन मंत्री कमलेश महतो के मुताबिक इस बैठक में लोकसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों और विधानसभा चुनाव क्षेत्र में बनाए गए पार्टी प्रभारियों को भी बुलाया गया है।
उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव में जेबीकेएसएस ने 55 से 60 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की योजना बनाई है। इसके अलावा समान विचारधारा वाले कुछ राजनीतिक दलों के साथ सीटों के तालमेल पर भी विचार हो सकता है।
अभी कई विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी टिकट पर चुनाव लड़ने वाले 7 से 8 उम्मीदवारों की दावेदारी पेश की जा रही है।
पहले चरण में सभी संभावित उम्मीदवारों पर विचार-विमर्श कर दो से तीन उम्मीदवारों की लिस्ट बनाई जाएगी। जिसके बाद केंद्रीय समिति की ओर से उस पर मुहर लगाई जाएगी।
जेबीकेएसएस का राजनीतिक दल के रूप में निबंधन जल्द
झारखंड भाषा खतियान संघर्ष समिति को राजनीतिक दल के रूप में मान्यता के मसले पर मंगलवार को चुनाव आयोग की एक बैठक भी होने वाली है।
चुनाव आयोग के साथ जयराम महतो की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से होने वाली बैठक में राजनीतिक दल के रूप में निबंधन समेत अन्य बिंदुओं पर चर्चा हो सकती है।
जेबीकेएसएस को ‘गैस सिलेंडर’ चुनाव चिह्न मिलने की संभावना
जेबीकेएसएस का राजनीतिक दल के रूप में निबंधन के साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव के पहले चुनाव चिह्न भी मिल जाने की संभावना है।
लोकसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक दल के रूप में मान्यता नहीं मिलने के कारण जेबीकेएसएस के सभी उम्मीदवार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में थे।
वहीं गिरिडीह सीट से चुनाव लड़ने वाले पार्टी प्रमुख जयराम महतो ने गैस सिलेंडर चुनाव चिह्न पर मैदान में उतर जेएमएम और आजसू पार्टी उम्मीदवार को कड़ी टक्कर दी।
कमलेश महतो ने बताया कि पार्टी के निबंधन के दौरान चुनाव आयोग की ओर से तीन चुनाव चिह्न का विकल्प दिया जाता है, इसमें एक गैस सिलेंडर का चुनाव चिह्न भी शामिल है। गैस सिलेंडर एक सिंबल है, जो सभी अमीर और गरीबों के घर मौजूद है।
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