Raw vs. Fried Paneer:
नई दिल्ली, एजेंसियां। पनीर प्रोटीन, कैल्शियम और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर एक लोकप्रिय डेयरी उत्पाद है। इसे कच्चा या तला हुआ दोनों रूपों में खाया जाता है। हालांकि, हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, कच्चा पनीर सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद होता है, जबकि तला हुआ पनीर केवल कभी-कभार और सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए।
कच्चा पनीर
कच्चा पनीर ताजा दूध से बनाया जाता है और इसमें प्रोटीन और कैल्शियम की उच्च मात्रा होती है। यह हड्डियों और मांसपेशियों के लिए लाभकारी है और भूख को नियंत्रित करने में मदद करता है। कच्चा पनीर पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है, कब्ज की समस्या को कम करता है और इसमें मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड्स हार्ट हेल्थ को बेहतर बनाए रखते हैं। इसके अलावा, यह त्वचा और बालों को पोषण देने में भी सहायक है।
तला हुआ पनीर
वहीं, तला हुआ पनीर जैसे पनीर टिक्का, पनीर बटर मसाला या फ्राइड पनीर स्वाद में लाजवाब होते हैं, लेकिन इनके सेवन में सावधानी बरतनी जरूरी है। इसमें ज्यादा कैलोरी और फैट होता है, जिससे वजन बढ़ने और कोलेस्ट्रॉल स्तर बढ़ने का खतरा होता है। इसके अलावा, तला हुआ पनीर पाचन को धीमा कर सकता है, जिससे गैस और अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
कच्चा पनीर कब और कैसे खाएं
एक्सपर्ट्स के अनुसार सुबह का समय सबसे उपयुक्त है। इसे ब्रेकफास्ट में या सलाद में शामिल किया जा सकता है। स्वाद बढ़ाने के लिए हल्का सेंधा नमक, काली मिर्च और नींबू का रस मिलाया जा सकता है। तला हुआ पनीर कभी-कभार ही खाएं और इसे हल्के आहार जैसे सलाद या सूप के साथ शामिल करें, ताकि कैलोरी का संतुलन बना रहे।
कुल मिलाकर, नियमित आहार में कच्चा पनीर सेहत के लिए बेहतर विकल्प है, जबकि तला हुआ पनीर सिर्फ स्वाद के लिए सीमित मात्रा में ही लें।
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