रांची: झारखंड में एक बार फिर से भाजपा और जदयू का चुनावी तालमेल होने जा रहा है। आगामी विधानसभा चुनाव में जदयू को सीटें मिलना तय है।
इस पर सैद्धांतिक सहमति बन चुकी है। इसे नीतीश कुमार के बढ़ते प्रभाव का असर माना जा रहा है। इससे पहले 2005 और 2009 के चुनाव में भी दोनों दलों ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था।
बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल (यूनाइटेड) की धमक आने वाले दिनों में एक बार फिर से झारखंड में बढ़ेगी।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के तहत आगामी झारखंड विधानसभा चुनाव (Jharkhand Assembly Election 2024) में जदयू को सीटें मिलना तय है। इसपर सैद्धांतिक सहमति हो चुकी है।
इसे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एनडीए में बढ़ते प्रभाव और महत्व का असर कहा जा सकता है।
इससे पहले वर्ष 2005 और 2009 के विधानसभा में भाजपा के साथ तालमेल कर जदयू ने बेहतर परिणाम हासिल किया था। 2005 में जदयू ने छह सीटें जीती थी, जबकि 2009 में दो प्रत्याशी विजयी हुए थे।
इन सीटों पर रहा है जदयू का दबदबाः
तमाड़, मांडू, बाघमारा, छत्तरपुर, देवघर में जदयू के प्रत्याशी जीतते रहे हैं। प्रदेश में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकारों में जदयू के विधायक मंत्री भी रहे हैं।
हालिया राजनीतिक घटनाक्रम में कुछ दिन पूर्व ही जमशेदपुर (पूर्वी) के विधायक और राज्य सरकार के पूर्व मंत्री सरयू राय जदयू में शामिल हुए हैं। भाजपा उनके लिए जमशेदपुर (पूर्वी) सीट छोड़ेगी।
रघुवर दास को हरानेवाले सरयू राय अब जदयू के खेवनहारः
पिछले विधानसभा चुनाव में सरयू राय ने बतौर निर्दलीय प्रत्याशी इस सीट से तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को पराजित किया था। रघुवर दास अभी ओडिशा के राज्यपाल हैं।
चुनाव के मद्देनजर भाजपा से तालमेल को देखते हुए 9 सितंबर को जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा का राज्य दौरा प्रस्तावित है।
वे यहां आकर जदयू के नेताओं के साथ चुनाव को लेकर सलाह-मशविरा करेंगे। इस क्रम में वैसी सीटें भी चिह्नित होंगी, जिसपर पार्टी उम्मीदवार खड़ा करना चाहती है।
पिछला चुनाव अकेले लड़ी थी बीजेपीः
भाजपा की कोर टीम की बैठकों में भी स्पष्ट किया गया है कि आजसू पार्टी और जदयू के साथ चुनावी तालमेल को लेकर विमर्श जारी है।
बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में आजसू पार्टी के साथ भाजपा का समझौता नहीं हो पाया था। आजसू पार्टी ने स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ा था। इसका नुकसान भाजपा को उठाना पड़ा था।
चिराग पासवान और जीतन राम मांझी की भी दावेदारीः
आगामी विधानसभा चुनाव में एनडीए के अन्य घटक दलों लोजपा (रामविलास) और हिन्दुस्तानी आवामी मोर्चा (हम) की भी दावेदारी है।
लोजपा (रामविलास) की यहां हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में अध्यक्ष चिराग पासवान ने इस ओर इशारे किए थे। उन्होंने तालमेल कर चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी।
जीतनराम मांझी ने भी यहां हुई बैठक में सीटों की दावेदारी की थी। हालांकि अभी तक इन दलों को लेकर बातचीत आगे नहीं बढ़ी है।
पार्टी नेताओं के मुताबिक इसपर निर्णय लेना आलाकमान की जिम्मेदारी है।
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