Pakistan Violence:
इस्लामाबाद, एजेंसियां। पाकिस्तान में ईसाइयों, हिंदुओं और अहमदिया मुसलमानों सहित अल्पसंख्यकों के खिलाफ मानवाधिकार हनन लगातार बढ़ता जा रहा है। यूरोपियन टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था और सेना प्रमुख असीम मुनीर के नेतृत्व में सेना के बढ़ते प्रभुत्व के कारण पाकिस्तान की लोकतांत्रिक संस्थाएँ कमजोर होती जा रही हैं।
रिपोर्ट में बताया
रिपोर्ट में बताया गया है कि धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों को व्यवस्थित रूप से उत्पीड़न और हिंसा का सामना करना पड़ रहा है। विशेष रूप से अहमदिया मुस्लिम समुदाय पर उत्पीड़न में वृद्धि हुई है। पिछले एक वर्ष में अहमदिया मुसलमानों को हत्या, मनमानी गिरफ्तारियाँ और उनके पूजा स्थलों व कब्रिस्तानों को अपवित्र किए जाने जैसी घटनाओं का सामना करना पड़ा।
विशेषज्ञों का कहना है की….
विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ यह हिंसा और उत्पीड़न देश की आंतरिक स्थिरता और मानवाधिकार स्थिति के लिए गंभीर चेतावनी है। कई अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन लगातार पाकिस्तान सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील कर रहे हैं, लेकिन प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पा रही है। यह स्थिति पाकिस्तान में धार्मिक सहिष्णुता और लोकतांत्रिक संस्थाओं की कमजोरी की ओर भी संकेत करती है।
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