Vinay Chaubey:
रांची। झारखंड कैडर के वरिष्ठ IAS अधिकारी विनय चौबे को भले ही एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की विशेष अदालत से शराब घोटाले मामले में जमानत मिल गई है, लेकिन वे फिलहाल जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे। वजह यह है कि उनके खिलाफ एक अन्य मामला हजारीबाग ACB में दर्ज है, जिसमें पहले ही प्रोडक्शन वारंट जारी किया जा चुका है।
क्या है मामला ?
शराब घोटाले के मामले में ACB ने विनय चौबे को पहले गिरफ्तार किया था, लेकिन आरोप पत्र (चार्जशीट) दाखिल करने की 90 दिनों की समय सीमा समाप्त हो जाने के बाद अदालत ने उन्हें जमानत दे दी। कोर्ट का कहना था कि निर्धारित समय में चार्जशीट नहीं दायर होने से आरोपी को जमानत का अधिकार प्राप्त हो जाता है।हालांकि, इसी बीच हजारीबाग ACB ने विनय चौबे के खिलाफ एक अन्य प्राथमिकी दर्ज की थी।
बेल न मिलने की क्या है वजह ?
यह मामला कथित रूप से सरकारी भूमि से जुड़े अनियमितताओं और घोटालों से संबंधित है। 13 अगस्त को ACB हजारीबाग ने उनके खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी कराया था, जिससे उन्हें अब उस मामले में भी कानूनी प्रक्रिया का सामना करना पड़ेगा।इस कारण, बेल मिलने के बावजूद विनय चौबे को जेल में ही रहना होगा जब तक कि दूसरे मामले में भी उन्हें कोर्ट से राहत नहीं मिल जाती।
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