ढाका,एजेंसियां। भारत-बांग्लादेश के बीच पिछले कुछ महीनों से तनावपूर्ण संबंध हैं। इस बीच सोमवार को बंगाल में मुक्ति जोधा ने विजय दिवस कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बांग्लादेश के निर्माण के उपलक्ष्य पर पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष के समारोह में कोई अंतर नहीं है।
मुक्ति जोधा लेफ्टिनेंट कर्नल काजी सज्जाद अली जहीर ने कहा, “हम स्वतंत्रता सेनानी हैं। हम भारतीय सेना के साथ कंधा से कंधा मिलाकर लड़े। उन्होंने बांग्लादेश के लोगों के लिए बलिदान हुए भारतीय सेना के जवानों को याद किया।” इसके साथ ही उन्होंने 1971 में पूर्वी पाकिस्तान में बंगाली आबादी को भारतीय लोगों द्वारा प्रदान की गई सहायता पर भी जोर दिया। बता दें कि इस दौरान लगभग एक करोड़ शरणार्थियों को आश्रय दिया गया था।
लेफ्टिनेंट कर्नल जहीर ने कहा, “बांग्लादेश एक शांतिप्रिय देश है। आप यहां-वहां के बयान सुन सकते हैं, लेकिन इतिहास एक आकर्षक मनोरंजनकर्ता है।” उन्होंने पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को अच्छा करने पर भी जोर दिया। दोनों देशों के बीच मौजूदा हालात प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, “हम पड़ोसी हैं। हमें एक-दूसरे के विकास के लिए अच्छा पड़ोसी बनना होगा।
दोस्ती टिकाऊ होनी चाहिए।” उन्होंने 1971 के युद्ध में भारतीय सशस्त्र बलों की जीत को विश्व इतिहास की बेहतरीन जीतों में से एक बताया। इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संघर्ष के दौरान भारतीय बलों ने किसी के साथ कोई अत्याचार नहीं किया। यही कारण है कि हम उनका सम्मान करते हैं। हमारे बच्चे भी उनका सम्मान करते रहेंगे।
1971 के युद्ध में भाग लेने वाले भारतीय वायु सेना के पायलट विंग कमांडर डीजे क्लेयर ने बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति को दिल दहला देने वाला बताया। उन्होंने कहा, “मैंने इस युद्ध में अपने कई दोस्त खो दिए। इसमें कई लोगों के आंसू और खून शामिल थे।” यह देखकर आपका दिल टूट जाता है कि हम वापस उसी स्थिति में आ गए हैं। बता दें कि क्लेयर हर साल विजय दिवस समारोह में शामिल होते हैं।
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