Vice Presidential election:
नई दिल्ली, एजेंसियां। उपराष्ट्रपति चुनाव 9 सितंबर को होगा। 21 अगस्त तक उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन भरे जाएंगे। जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई की रात अचानक उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दिया था।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 22 जुलाई को धनखड़ का इस्तीफा मंजूर कर लिया था। 74 साल के धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था।
ऐसे चुन जाते हैं उपराष्ट्रपतिः
स्टेप-1 : निर्वाचक मंडल का गठन करना
उपराष्ट्रपति का चुनाव निर्वाचक मंडल करता है, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के सभी निर्वाचित और नामित सदस्य शामिल होते हैं।
स्टेप-2: चुनाव की अधिसूचना जारी होना
निर्वाचन आयोग द्वारा अधिसूचना में नामांकन, मतदान और परिणाम की तारीखें होती हैं।
स्टेप-3: नामांकन प्रक्रिया
उम्मीदवार को कम से कम 20 सांसदों द्वारा प्रस्तावक और 20 सांसदों द्वारा समर्थक के रूप में हस्ताक्षर के साथ नामांकन पत्र दाखिल करना होता है।
स्टेप-4 : सांसदों के बीच प्रचार होता है
केवल सांसद मतदाता होते हैं। इसलिए यह प्रचार सीमित दायरे में होता है। उम्मीदवार और उनके समर्थक दल प्रचार में शामिल होते हैं।
स्टेप-5: मतदान की प्रक्रिया शुरू होगी
हर सांसद मतपत्र पर प्रत्याशियों को प्राथमिकता के क्रम में (1, 2, 3…) अंकित करता है।
स्टेप-6: मतों की गिनती और परिणाम
जीत के लिए कुल वैध मतों का साधारण बहुमत (50% से अधिक) प्राप्त करना होता है। रिटर्निंग ऑफिसर नतीजे की घोषणा करते हैं।
संसद में NDA के पास बहुमतः
लोकसभा में कुल 542 सदस्यों में से NDA के पास 293 और I.N.D.I.A. के पास 234 सदस्य हैं।
राज्यसभा में 240 सदस्यों की प्रभावी संख्या में से NDA को करीब 130 और I.N.D.I.A. गठबंधन को 79 सांसदों का समर्थन है।
कुल मिलाकर NDA के पास 423 और INDIA ब्लॉक के पास 313 सांसदों का समर्थन है। शेष सदस्य किसी भी खेमे से जुड़े नहीं हैं।
I.N.D.I.A. जॉइंट कैंडिडेट उतार सकता हैः
धनखड़ के इस्तीफा देने के बाद चुनाव आयोग ने उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है। भाजपा की तरफ से इस पद के लिए कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत और सिक्किम के राज्यपाल ओम माथुर के नाम पर विचार चल रहा है। वहीं, I.N.D.I.A. गठबंधन एक संयुक्त उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है। न्यूज एजेंसी PTI सूत्रों के मुताबिक, भले ही NDA के पास बहुमत है, फिर भी विपक्ष मानता है कि मुकाबला पूरी तरह एकतरफा नहीं है। उसे चुनाव से पीछे नहीं हटना चाहिए।
आयोग ने इस पद के लिए निर्वाचक मंडल, रिटर्निंग ऑफिसर और अन्य जरूरी चीजों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। आयोग की तैयारियों के बीच भाजपा की कोशिश होगी कि इस पद का उम्मीदवार किसी अन्य सहयोगी को बनाने की जगह अपने उम्मीदवार का नाम तय कर उसके नाम पर सहयोगी दलों को राजी करे।
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