Vedic Almanac:
दिन – गुरुवार
विक्रम संवत् – 2082
अयन – उत्तरायण
ऋतु – बसन्त
मास – वैशाख
पक्ष – कृष्ण
तिथि – चतुर्थी दोपहर 03:23 तक तत्पश्चात् पञ्चमी
नक्षत्र – ज्येष्ठा पूर्ण रात्रि तक
योग – वरीयन् रात्रि 12:50 अप्रैल 18 तक तत्पश्चात् परिघ
राहुकाल – दोपहर 02:15 से दोपहर 03:50 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)
सूर्योदय – 06:17
सूर्यास्त – 07:01 (सूर्योदय एवं सूर्यास्त अहमदाबाद मानक समयानुसार)
दिशा शूल – दक्षिण दिशा में
ब्रह्ममुहूर्त – प्रातः 04:47 से प्रातः 05:32 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)
अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:14 से दोपहर 01:05 तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:16 अप्रैल 18 से रात्रि 01:01 अप्रैल 18 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)
विशेष – चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)
Vedic Almanac: वैशाख मास माहात्म्य
वैशाख मास सुख से साध्य, पापरूपी इंधन को अग्नि की भाँति जलानेवाला, अतिशय पुण्य प्रदान करनेवाला तथा धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष – चारों पुरुषार्थों को देनेवाला है ।
देवर्षि नारदजी राजा अम्बरीष से कहते हैं : ‘‘राजन् ! जो वैशाख में सूर्योदय से पहले भगवत्-चिंतन करते हुए पुण्यस्नान करता है, उससे भगवान विष्णु निरंतर प्रीति करते हैं । पाप तभी तक गरजते हैं जब तक जीव यह पुण्यस्नान नहीं करता ।
वैशाख मास में सब तीर्थ आदि देवता बाहर के जल (तीर्थ के अतिरिक्त) में भी सदैव स्थित रहते हैं । सब दानों से जो पुण्य होता है और सब तीर्थों में जो फल होता है, उसीको मनुष्य वैशाख में केवल जलदान करके पा लेता है । यह सब दानों से बढ़कर हितकारी है ।’’ (ऋषि प्रसाद, अप्रैल : 2009)
वैशाख (माधव) मास में जो भक्तिपूर्वक दान, जप, हवन और स्नान आदि शुभ कर्म किये जाते हैं, उनका पुण्य अक्षय तथा सौ करोड़ गुना अधिक होता है । (पद्म पुराण)
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