Tijuana River pollution:
वाशिंगटन, एजेंसियां। अमेरिका और मेक्सिको ने तिजुआना नदी से फैल रहे प्रदूषण पर बड़ी पहल करते हुए नया समझौता किया है। यह नदी मेक्सिको से निकलकर अमेरिका के कैलिफोर्निया में बहती है और अरबों गैलन गंदा पानी व जहरीले रसायन प्रशांत महासागर में गिराती है। इससे सैन डिएगो के समुद्र तट लंबे समय से प्रदूषित हो रहे हैं और स्थानीय लोग, तैराक, बॉर्डर पेट्रोल एजेंट और यहां तक कि नेवी सील्स तक बीमार हो रहे हैं।
EPA प्रमुख ली ज़ेल्डिन और मेक्सिको की पर्यावरण मंत्री एलिसिया बार्सेना ने समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। मेक्सिको 2027 तक ₹770 करोड़ ($93 मिलियन) की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्रोजेक्ट्स को पूरा करेगा। अमेरिका भी साउथ बे इंटरनेशनल ट्रीटमेंट प्लांट का विस्तार अगस्त 2025 तक पूरा करेगा।
क्या है मामला ?
गौरतलब है कि 2018 से अब तक तिजुआना नदी से 100 अरब गैलन से अधिक कच्चा सीवेज कैलिफोर्निया पहुंच चुका है, जिससे गंभीर स्वास्थ्य संकट पैदा हो चुका है। रिपोर्ट्स के अनुसार यह सीवेज हवा में वाष्पित होकर सांस के ज़रिए शरीर में जाता है। मेक्सिको की नई राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाउम ने सीवेज ट्रीटमेंट को प्राथमिकता देने का वादा किया है।
उन्होंने कहा कि 2026 तक कई परियोजनाएं पूरी की जाएंगी जिससे नदी के प्रदूषण में भारी कमी आएगी।इस समझौते के ज़रिए दोनों देश सीमा पार जल प्रदूषण की दशकों पुरानी समस्या से निपटने के लिए मिलकर काम करेंगे। यह पहल पर्यावरण संरक्षण, स्वास्थ्य और अमेरिका-मेक्सिको सहयोग की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है।
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