UPI rules:
नई दिल्ली, एजेंसियां। 1 अगस्त 2025 से UPI (Unified Payments Interface) के नियमों में बड़े बदलाव होने जा रहे हैं, जिनका सीधा असर करोड़ों यूजर्स पर पड़ेगा। डिजिटल लेनदेन को अधिक सुरक्षित और सर्वर लोड को नियंत्रित रखने के उद्देश्य से नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने कुछ नई लिमिट्स तय की हैं। सबसे अहम बदलाव यह है कि अब एक UPI यूजर एक दिन में अधिकतम 50 बार ही बैंक बैलेंस चेक कर सकेगा।
कितनी बार चेक कर सकते बैलेंस ?
अभी तक यूजर्स असीमित बार बैलेंस देख सकते थे, लेकिन अब सर्वर पर अनावश्यक दबाव से बचने के लिए यह सीमा तय की गई है। इसी तरह, एक ही ऐप में कई बार बैंक खाता जांचने पर भी सीमा लागू होगी। ऑटोपे फीचर अब तय समय पर ही काम करेगा और ऑटो-डिडक्शन के मामले में भी समयसीमा का पालन करना होगा। पेमेंट स्टेटस चेक करने और पेमेंट रिवर्सल (राशि वापसी) जैसी सुविधाओं पर भी संख्या आधारित सीमाएं लागू होंगी, ताकि सिस्टम पर बोझ न पड़े और धोखाधड़ी की संभावनाएं कम हों।
सरकार ने स्पष्ट किया है
अच्छी खबर यह है कि सरकार ने स्पष्ट किया है कि ₹2,000 से अधिक के UPI ट्रांजैक्शंस पर फिलहाल कोई जीएसटी लगाने का प्रस्ताव नहीं है, जिससे आम उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। वित्त मंत्रालय ने राज्यसभा में यह जानकारी देकर स्पष्ट किया कि डिजिटल भुगतान को महंगा करने की मंशा नहीं है। यह फैसला खासकर उन लोगों के लिए सुकून देने वाला है जो रोजमर्रा के छोटे-बड़े भुगतान UPI के ज़रिए करते हैं। इस बदलाव के बाद उपयोगकर्ताओं को अपने ऐप के नोटिफिकेशन और बैंक अलर्ट्स पर अधिक ध्यान देना होगा। UPI अब सिर्फ सुविधा नहीं, बल्कि एक सावधानीपूर्वक उपयोग की जाने वाली डिजिटल सेवा बनती जा रही है।
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