पटना: बिहार में पिछले कुछ दिनों से हो रही बेमौसम बारिश ने किसानों पर कहर बरपा दिया है। गेंहू की खेती करने वाले किसान खून के आंसू रो रहे हैं।
बदले मौसम की मिजाज से किसान परेशान है। तेज हवा के साथ रुक-रुककर हो रही बारिश ने गेंहू की फसलों को खासा नुकसान पहुंचाया है।
बेमौसम बारिश से खेतों में खड़ी हरे भरे गेहूं की फसल जमींदोज हो गयी है। जबकि पककर तैयार तेलहन और फूल लगे दलहन फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है।
दक्षिण बिहार के किसान प्रकृति के इस कहर से काफी दुखी हैं। बता दें कि कमजोर मानसून के कारण पिछले कई वर्षों के साथ-साथ इस वर्ष भी धान की फसल का उत्पादन काफी कम हुआ है।
समय पर रबी फसल की बुवाई और मौसम अनुकूल रहने के कारण गेहूं और तेलहन की फसल अच्छी हुई है।
लेकिन अब पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश और तेज हवा रबी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा रही है।
तेज हवा के झोंके के साथ वर्षा से किसानों के खेतों में बाली दे चुके गेहूं की फसल जमीन पर गिर चुकी है। किसान बताते हैं कि जो फसल जमीन पर गिर चुका है। उसमें दाना पुष्ट नहीं हो पाएगा।
दूसरी ओर ईंट भट्ठा संचालकों को पिछले एक महीने से खराब मौसम के कारण ईंट पथाई से लेकर सुखाने तक में फजीहत हो रही है।
जबकि वर्षा के कारण लग्न तिलक वाले घरों में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वर्षा की वजह से हवा में कनकनी महसूस की जा रही है।
बाजार की सड़कें कीचड़मय हो गई है। जिस कारण सड़क पर पैदल चलने में परेशानी हो रही है। बाजार के फुटपाथी दुकानदारों को रुक-रुककर हो रही वर्षा के कारण दिनभर विक्री नहीं हो पाई।
वहीं भोजपुर में धान रोपने वाले किसान भी परेशान हैं। किसान बताते हैं कि धान की रोपनी पानी की कमी से नहीं हो पाई और गेहूं के साथ-साथ दलहन-तेलहन लगातार वर्षा के कारण चौपट हो गया है।
मौसम की मार से किसानों की कमर टूट रही है। पहले अगर खरीफ खराब होता था। तब रबी का उत्पादन से भरपाई हो जाती थी।
लेकिन प्रकृति की अजब-गजब लीला ने तो किसान का जीना मुहाल कर दिया है। बता दें कि पिछले कुछ वर्षों से कमजोर बरसात के कारण किसान सुखाड़ का दंश झेल रहे हैं।
जबकि अब रबी फसल भी खराब हो रहा है। क्षेत्र के किसानों के जीविका का मुख्य माध्यम खेती किसानी ही है।
इसे भी पढ़ें