मुंबई। लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने फडणवीस के साथ मतभेदों की अटकलों को खारिज किया है।
उन्होंने कहा कि मैं एक जमीनी स्तर का कार्यकर्ता हूं और मुझे आरएसएस स्वयंसेवक बने रहना पसंद है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2014 से पहले कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए की नीति से देश के लोग परेशान थे। इसलिए बीजेपी को जनता ने चुना था।
गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने अच्छा काम करके दिखाया था। उन्हें प्रधानमंत्री के रूप में पेश किया गया, जिसके बाद 2014 का चुनाव जीतने में मदद मिली।
उन्होंने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में हमने एक और जीत सुनिश्चित करने के लिए विकास को मुद्दा बनाया।
दस साल बाद हम यह दावा कर सकते हैं कि बीजेपी ने एक दशक में जो हासिल किया, कांग्रेस वह हासिल करने में 60-65 वर्षों में विफल रही।
देश की जनता को मोदी सरकार पर भरोसा है। हम इस बार निश्चित रूप से 400+ का आंकड़ा पार करने वाले हैं। गडकरी ने ये बातें एक इंटरव्यू के दौरान कहीं।
राम मंदिर को लेकर भी नितिन गडकरी ने बात की और कहा कि इसपर राजनीति नहीं होनी चाहिए। यह आस्था का सवाल है और लोग खुश हैं कि जो सपना उनकी ओर से बरसों पहले देखा गया था वो सच हो गया।
उन्होंने कहा कि मैं जाति, पंथ या धर्म की विभाजनकारी राजनीति में विश्वास नहीं करता हूं। लंबी कानूनी लड़ाई चली और राम मंदिर को लेकर लंबा संघर्ष किया गया जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर बनाने का अधिकार दिया।
बीजेपी के चुनावी घोषणा पत्र में इस बात का जिक्र किया गया था। हमें देश की जनता की इच्छाएं पूरी करने में खुशी होती है।
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस को लेकर नितिन गडकरी ने कहा कि उनके साथ किसी भी तरह के मतभेद नहीं हैं।
मैंने फडणवीस को उनके पिता से मिलने के बाद राजनीति में इंट्री दिलवाई। जब एक ही क्षेत्र से दो बड़े नेता नजर आते हैं तो लोग गपशप करते हैं।
गडकरी ने कहा कि मैं कभी भी प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल नहीं था। आज मैं जो कुछ भी हूं और जहां भी हूं….उससे संतुष्ट हूं।
उन्होंने कहा कि मैं दृढ़ विश्वास के साथ एक प्रतिबद्ध बीजेपी का कार्यकर्ता हूं और पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहा हूं।
मैं सबका साथ सबका विकास’ में विश्वास करता हूं। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार अच्छा काम कर रही है। मुझे पूरा विश्वास है कि हम मोदी के नेतृत्व में केंद्र में फिर से सरकार बनाने में कामयाब होंगे।
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