जमशेदपुर। नई शिक्षा नीति के तहत 2025 से डिग्री कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई बंद कर दी जाएगी। यूजीसी और राज्य के उच्च एवं तकनीकि शिक्षा विभाग ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके बाद प्रदेश के डिग्री कॉलेजों में अनुबंध पर पढ़ा रहे शिक्षकों के रोजगार पर संकट खड़ा हो गया है। कोल्हान के करीब 1200 शिक्षकों पर इस नियम के बदलाव का सीधा असर पड़ेगा।
1200 शिक्षक हो सकते हैं बेरोजगारः
डिग्री कॉलेजों में इंटर की कक्षाओं के बंद होने के कारण अनुबंध पर पढ़ाने वाले शिक्षकों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है। शिक्षकों की सैलरी इंटर के छात्रों की फीस से दी जाती थी। ऐसे में कक्षाएं बंद होने के बाद इनका वेतन देना संभव नहीं होगा। कोल्हान क्षेत्र में करीब 1200 ऐसे शिक्षक हैं, जिनकी नौकरी खत्म होने का डर है।
शिक्षकों का कहना है कि पिछली सरकार ने उन्हें सरकारी प्लस टू स्कूलों में समायोजित करने का आश्वासन दिया था। लेकिन अब तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है। शिक्षक अपनी उम्र और सेवाकाल का हवाला देते हुए सरकार से समायोजन की मांग कर रहे हैं।
मंत्री ने दिया समाधान का भरोसाः
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता मंत्री रामदास सोरेन ने शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। उन्होंने आश्वासन दिया कि किसी भी शिक्षक को बेरोजगार नहीं होने दिया जाएगा। मंत्री ने कहा कि यह मामला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के समक्ष उठाया जाएगा और समाधान के लिए प्रयास किए जाएंगे।
घाटशिला कॉलेज के शिक्षक देवाशीष मन्ना के नेतृत्व में शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री से मुलाकात कर अपनी समस्याएं रखीं। उन्होंने बताया कि इंटर की कक्षाओं के बंद होने के बाद उनका भविष्य संकट में है। प्रतिनिधिमंडल में राजीव दुबे, नीतीश कुमार, शेख मसूद, उपेंद्र राणा, डेजी सेवा बसंती मार्डी शामिल थे।
2025 से बदलेंगे नियमः
डिग्री कॉलेजों में इंटर की कक्षाएं 2025 से पूरी तरह बंद कर दी जाएंगी। कॉलेजों में अब नए सत्र से इंटर की पढ़ाई बंद करने की तैयारी हो रही है। शिक्षकों को उम्मीद है कि सरकार उन्हें सरकारी प्लस टू स्कूलों में समायोजित कर इस समस्या का समाधान निकालेगी।
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